राष्ट्रीय लोक अदालत में टूटा रिकार्ड: बैंक के पक्षकारों को की राहत प्रदान
पति-पत्नी को फिर किया साथ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को पुराने सारे रिकार्ड को पक्षकारों व अधिवक्ताओं के सहयोग से 49405 प्रकरण का निस्तारण कर 19.36 करोड़ के एवार्ड पारित किये गये। जिनमें मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायालय में 99 प्रकरण में 4.96 करोड़ का एवार्ड पारित, पारिवारिक सम्बन्धी 106 प्रकरण और वाणिज्यिक अदालत के बीस मामलों का निस्तारण कर दो करोड़ के एवार्ड पारित किये गये जो अपने आप में एक रिकार्ड है।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भुवन गोयल के निर्देशन में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं एडीजे कुलदीप शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए उदयपुर मुख्यालय एवं तहसीलों पर स्थित अदालतों में बेंचों का गठन किया गया। राजस्व न्यायालयों में भी अलग से बेंचों का गठन का राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण होने वाले प्रकरण रखे गये। सचिव कुलदीप शर्मा ने बताया कि जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों में भी बैंचों का गठन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में पहली बार राजस्व प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाया जाकर निस्तारण करवाया गया। प्रशासन के भरपुर सहयोग से कई राजस्व प्रकरणों को हुआ निस्तारण।
पति-पत्नी को फिर किया साथ
पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश अशोक कुमार शर्मा की अध्यक्षता में गठित बैंच द्वारा दंपति जो विगत एक वर्ष से अलग-अलग रह रहे थे दोनो को समझाईश कर एक साथ घर भेजा। वैभव एवं श्रेया कुमावत विगत 1 वर्ष से आपसी मनभेद होने से अलग-अलग रह रहे थे। पारिवारिक न्यायालय की सदस्या श्रीमती नीता जैन ने दोनो पक्षकारो के अलग रहने के कारण की जानकारी ली तो दोनो के मध्य छोटी सी बात को लेकर विवाद था, जिससे दोनो पति पत्नी 1 वर्ष से अलग अलग रह रहे थे। पत्नी द्वारा महिला थाने में दहेज का मुकदमा दर्ज करवा रखा था। पति द्वारा पारिवारिक न्यायालय में धारा 9 में प्रकरण दर्ज करवा रखे थे। सुशील शर्मा अधिवक्ता ने भी प्रार्थीया श्रेया कुमावत को समझाया। लोक अदालत की भावना से दोनो पति पत्नी साथ में रहने को तैयार हो गए।
बैंक के पक्षकारों को की राहत प्रदान
भारत संचार निगम लिमिटेड, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, आर.एम.जी.बी. बैंक, एसबीआई बैक, धानी लॉन्स एण्ड सर्विासेस, आईसीआईसी बैंक, आईडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, युनियन बैंक ऑफ इण्डिया, एस.बी.आई. कार्डस एण्ड पेमेन्ट्स सर्विसेस लिमिटेड इत्यादि के अधिकारीगण ने राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होकर पक्षकारों को राहत प्रदान करते हुए हाथोहाथ प्रकरणों का निस्तारण करवाया।