राजसमंद। राजसमंद नव मतदाताओं को सबसे पहले भाजपा की सदस्यता का लक्ष्य दिलाने के लिए विधानसभा प्रभारी वीरेंद्र सिंह खिंची राजसमंद में पदाधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन करते हुए। राजसमंद में रविवार को जिला भाजपा कार्यालय में विधानसभा प्रभारी वीरेन्द्र खींची ने बैठक ली। उन्होंने नए मतदाताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाने पर जोर दिया। पार्टी पदाधिकारियों को मेंबरशिप के टारगेट भी दिए गए हैं। बैठक के दौरान राजसमंद विधानसभा प्रभारी वीरेन्द्र सिंह खींची ने उपस्थित भाजपा पदाधिकारियों से कहा कि प्रदेश नेतृत्व के अनुसार प्रत्येक बूथ पर नव मतदाता को भाजपा की सदस्यता दिलाना पहला लक्ष्य है। इसके लिए मंडल व शक्ति केन्द्र स्तर पर टोली तैयार की गई व प्रत्येक बूथ स्तर पर कम से कम 100 नए सदस्य भाजपा के पक्ष में बनाना है। जिसके लिए केंद्रीय स्तर से भी विधायक प्रवास पर आएंगे जो यहीं पर रह कर जनता के बीच में कार्य करेंगे। इस अवसर पर विधानसभा संयोजक महेंद्र सिंह चौहान ने राजसमंद विधानसभा में भाजपा सदस्यता अभियान व केंद्रीय विधायक विस्तारक योजना की पूर्ण जानकारी बताई। बैठक में विस्तारक महिपाल सिंह, अरविंद सिंह राठौड़, अशोक रांका, सम्पत नाथ सिंह चौहान, उदय लाल अहीर, हिम्मत कुमावत, भवानी जोशी, लक्ष्मण मौर्य, भैरू लाल सहित भाजपा पदाधिकारी उपस्थित थे।
राजसमंद में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देष पर भिक्षु बोधिस्थल परिसर में तेरापंथ कन्या मंडल की ओर से एक सलामी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की शुरुआत नमस्कार मंत्र से की गई। इसके बाद मंगलाचरण का पाठ किया गया। कार्यशाला में अलग-अलग विषयों पर भाषण प्रतियोगिता व ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विजेता बालिकाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कन्या मंडल प्रभारी रितु धोका ने बताया कि कन्या मंडल की बालिकाओं ने ‘‘एक सलामी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम’’ विषय आयोजित भाषण प्रतियोगिता मे स्वतंत्रता सैनानियों के बलिदान को याद किया। इस प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में राजेन्द्र सिंह चारण व विजेश चारण रहे। भाषण प्रतियोगिता में चित्रांशी बडोला ‘‘प्रथम’’ पूजल मांडोत ‘‘द्वितीय’’ व दर्शिता सहलोत ‘‘तृतीय’’ रही। कार्यशाला के दौरान ‘‘मेरा देश मेरा संघ’’ विषय पर ड्राइंग कॉम्पिटिशन का आयोजन किया गया। तमन्ना मादरेचा ‘‘प्रथम’’, दर्शिता सहलोत ‘‘द्वित्तीय’’ ऋषिका कावडिया व चित्रांशी बड़ोला ‘‘तृतीय’’ स्थान पर रहे।