सीएम गहलोत के इस बयान की भाजपा नेताओं ने निंदा की है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि सीएम गहलोत ने सेना और देश का अपमान किया है। वे देश से माफी मांगे। सीएम के बयान से उनकी सेना और पुलिस के प्रति कैसी सोच है, यह स्पष्ट रूप से प्रकट होती है।
स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर जमकर जुबानी हमला बोला। अब भाजपा और सेना को लेकर दिेए उनके बयान पर विवाद हो गया है। 15 अगस्त को सीएम ने आरोप लगाया कि अर्धसैनिक बलों और पुलिस की गाड़ियों में पैसा भरकर भाजपा के दफ्तरों में पहुंचाया जाता है। जहां कहीं भी भाजपा की सरकार है, अर्धसैनिक बलों या पुलिस वाहनों का उपयोग उनके मुख्यालय में बक्से में पैसा लाने के लिए किया जाता है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गाड़ी पुलिस की होती है पकड़े कौन, ये गाड़ियां भाजपा कार्यालय के पीछे लगती है और बक्से उतरकर भाजपा कार्यालय पहुंचाए जाते हैं। वहीं सीएम ने नोटबंदी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया और 2000 के नोट चलन में लाए क्योंकि वे एक जगह से दूसरी जगह लाने और ले जाने में कम जगह लेते हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान पर भाजपा भड़क गई है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन राठौड़ ने मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ये सेना का अपमान है। कांग्रेस का हमेशा ही सेना पर सवाल उठाने का काम रहा है। देश और सेना सीएम गहलोत माफी मांगे।
सेना और पुलिस के प्रति सीएम की कैसी सोच है पता चल गया
वहीं पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने भी मुख्यमंत्री गहलोत के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता दिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री जो संयोग से राज्य के गृह मंत्री भी हैं, उन्होंने जिस प्रकार के आरोप पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस के जवानों के ऊपर लगाए, उससे उनकी सेना और पुलिस के प्रति कैसी सोच है यह स्पष्ट रूप से प्रकट होती है। भारतीय जनता पार्टी इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है।
ये शूरवीर सैनिकों का अपमान है
अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सीएम का यह बयान उनकी राजनीतिक हताशा और कुंठा को पूर्ण रूप से प्रकट करता है। अच्छा होता मुख्यमंत्री जी आप आरोप लगाने के स्थान पर अगर इस प्रकार का कोई प्रमाण आपकी जानकारी में आया था तो आप कार्रवाई करते। यह वक्तव्य देकर मुख्यमंत्री जी ने ना केवल एक राजनीतिक मर्यादा का उल्लंघन किया बल्कि स्वाधीनता दिवस जैसे राष्ट्रीय गौरव के पर्व के अवसर पर इस प्रकार का स्तरहीन, आधारहीन आरोप लगाकर हमारे शूरवीर सैनिकों का अपमान करने का काम कर रहे थे।