अपनी ही 'रीढ़ की हड्डी' को भूली भाजपा, देश में आजादी का जश्न पर प्रदेश कार्यालय में पसरा सन्नाटा
राजस्थान भाजपा कार्यालय में पसरे सन्नाटे के पीछे कार्यकर्ताओं की नाराजगी है। कई कार्यकर्ताओं ने गुटबाजी तो कुछ ने नेताओं के नहीं आने के कारण कार्यालय आना ही छोड़ दिया है।
आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पूरे देश में जश्न का माहौल है। देश के सभी नागरिकों सहित भाजपा कार्यकर्ताओं में भी आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर उत्साह है लेकिन राजस्थान भाजपा कार्यालय में पसरा सन्नाटा कार्यकर्ताओं को मायूस कर रहा है।
2023 में राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में प्रदेश भाजपा कार्यालय में पसरी खामोशी राजस्थान भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच बनी दूरी को दर्शा रही है। जब देश में भाजपा कैबिनेट मंत्री और नेता आजादी के अमृत महोत्सव की तैयारी में जुटे हैं, उस समय भी राजस्थान भाजपा कार्यालय में पसरा सन्नाटा पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं और भाजपा सरकार बनाने का दावा कर रही है लेकिन कार्यकर्ताओं से दूरी भाजपा को जीत से दूर न कर दे।
क्यों कार्यकर्ताओं ने कार्यालय आना छोड़ा
कई कार्यकर्ताओं ने बताया कि कार्यालय में पसरा सन्नाटा एक दिन की बात नहीं है। आमतौर भी कार्यालय खाली ही रहने लगा है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया अपने घर पर कार्यकर्ताओं से मिलते हैं। बाकी नेता और पदाधिकारी कार्यकर्ताओं से नहीं मिलते हैं। इस कारण से आम कार्यकर्ता ने कार्यालय आना ही छोड़ दिया है।
वहीं अन्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब प्रदेश कार्यालय का मुख्य द्वार बंद रहता है और कार्यालय में कई जगह गार्ड भी तैनात हैं। जिसके कारण अब आम कार्यकर्ता अपने ही कार्यालय में सभी जगह नहीं जा सकते और विशेष व्यक्तियों से मिलना तो अब सपना होता जा रहा है।
गुटबाजी ने भी कार्यकर्ताओं को किया दूर
एक और कारण है कि भाजपा प्रदेश कार्यालय में कुछ गुट के कार्यकर्ताओं की ही प्राथमिकता मिल रही है। यही कारण है कि भाजपा कार्यालय खाली रहने लगा है। इस परिस्थिति में भाजपा आगामी चुनाव में बड़ी मुश्किलों में पड़ सकती है, क्योंकि ये कार्यकर्ता ही हैं, जो पार्टी की रीढ़ की हड्डी है।