Bhilwara भीलवाड़ा: दीपावली का त्योहार हर घर में खुशियां लेकर आता है। लेकिन भीलवाड़ा जिले के आसींद थाना क्षेत्र के करजालिया ग्राम पंचायत के नारायणपुरा गांव में यह खुशी मातम में बदल गई। नारायणपुरा में एक मावे की फैक्ट्री का बॉयलर फटने से दो मजदूरों की जान चली गई। इस हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है और दिवाली की खुशियों पर एक गहरा साया डाल दिया है।
नारायणपुरा स्थित मावे की फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर महादेव गुर्जर (35) पुत्र उंकार गुर्जर और राधेश्याम गुर्जर (25) पुत्र सुखदेव गुर्जर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस फैक्ट्री में वे कई दिनों से काम कर रहे थे और उस दिन भी अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त थे। अचानक बॉयलर फट गया, जिससे दोनों मजदूरों की जान चली गई। इस हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
हादसे की खबर मिलते ही आसींद थाना अधिकारी हंसपाल सिंह अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। वहां का मंजर बेहद दिल दहलाने वाला था। चारो तरफ फैले खून और टूटे हुए बॉयलर के टुकड़ों को देख कर लोगों में खौफ और दुख का माहौल था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों शवों को आसींद स्वास्थ्य केंद्र में रखवाया और मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की।
पुलिस ने बताया कि दोनों शवों का पोस्टमॉर्टम शनिवार को सुबह करवाया जाएगा। उसके बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। फैक्ट्री में काम कर रहे अन्य मजदूरों ने बताया कि बॉयलर की स्थिति ठीक नहीं थी और उसमें पहले भी समस्या आ चुकी थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। हादसे के बाद पूरे गांव के लोग गमगीन हो गए और भारी भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।
इस हादसे ने फैक्ट्री में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूरों के अनुसार, फैक्ट्री में सुरक्षा के लिए किसी प्रकार के इंतजाम नहीं किए गए थे। बॉयलर की नियमित जांच और रखरखाव न होने के कारण ही यह घटना घटी है। यह एक गंभीर मामला है और पुलिस भी इस दिशा में जांच कर रही है कि कहीं यह हादसा लापरवाही का नतीजा तो नहीं। मजदूर संगठनों ने भी प्रशासन से मांग की है कि फैक्ट्री मालिक पर कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए।
दीपावली पर ही इस हादसे ने नारायणपुरा गांव की खुशियां छीन ली हैं, जिस समय पूरा देश दीपावली मना रहा था, उस समय इस गांव में मातम का माहौल है। गांव वालों ने बताया कि महादेव और राधेश्याम दोनों ही बहुत मेहनती और ईमानदार मजदूर थे। दोनों के परिवार का सहारा वही थे और उनकी असमय मौत से उनके परिवारों पर गहरा संकट आ गया है।
पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से आर्थिक सहायता की मांग की है, ताकि वे इस संकट की घड़ी में अपने परिवार का सहारा बन सकें। गांव के लोगों ने भी इस हादसे के बाद फैक्ट्री मालिक से बात की और उनसे सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की। प्रशासन ने भी जांच के बाद दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। यह हादसा दीपावली के मौके पर हुआ, जब हर कोई अपने घरों में खुशियां मना रहा है। लेकिन नारायणपुरा गांव के लोग इस बार दीपावली पर सिर्फ दीप जलाकर अपने इन दो सपूतों को श्रद्धांजलि दे रहे। यह हादसा गांव वालों के लिए एक गहरा सदमा है और सभी लोग इस दुखद घटना में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।