राजस्थान: दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व मंगलवार को प्रारंभ हुए। पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म मनाया। हाउसिंग बोर्ड शास्त्रीनगर स्थित सुपार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पंडित विवेक शास्त्री ने बताया कि क्रोध का अभाव होना ही उत्तम क्षमा धर्म है। क्रोध के निमित्त उपस्थित होने पर भी जो क्रोध नहीं करता उससे क्षमा धर्म प्रकट होता है।
जहां क्रोध है, वहां शत्रु पैदा होते हैं। जनसंपर्क मंत्री भागचंद पाटनी ने बताया कि इससे पहले सुबह जुलूस के साथ घट यात्रा निकाली। गुलाबचन्द, मनीष व नीरज शाह परिवार ने ध्वजारोहण किया। राकेश, शशि, हिमांशु व आकांक्षा पाटनी ने मुख्य कलश स्थापना की। सौधर्म इन्द्र का लाभ विनोद कुमार व मंजू गोधा को मिला। मण्डप उद्घाटन सुशीला पाटनी ने किया। अखण्ड दीप स्थापना टीकम चंद शकुंतला छाबड़ा ने की। मुख्य शांतिधारा प्रकाश चन्द्र व कैलाश चन्द्र गंगवाल ने की।
पूजा का संचालन पंडित पदमचंद काला ने किया। दोपहर में पंडित विवेक शास्त्री के सानिध्य में स्वाध्याय किया। 108 रिद्धि मंत्रों से शांतिधारा : सुभाषनगर जैन मंदिर में आर्जव शास्त्री सांगानेर के सानिध्य में 108 रिद्धि मंत्रों से अनिल ठोल्या परिवार ने शांतिधारा की। प्राचीन नेमीनाथ, शांतिनाथ और चंद्रप्रभु भगवान पर अभिषेक नितिन, अशोक, विनय, रविंद्र व अमित ने किया। झंडा चढ़ाने का सौभाग्य राजेंद्र बाकलीवाल को मिला।