भार्गव शिरोमणी स्वामी चरणदास जी का 321वां जन्मोत्सव पुष्कर के भार्गव आश्रम में मनाया गया
अजमेर। भार्गव सभा द्वारा पुष्कर आश्रम में भार्गव शिरोमणी स्वामी चरणदास जी का 321वां जन्मोत्सव पुष्कर के भार्गव आश्रम में मनाया गया। कार्यक्रम के प्रांरभ में साधारण सभा की जिसमें संस्था सचिव अत्री भार्गव ने संस्था व समाज की जुडी बातों पर चर्चा की।
कार्यक्रम का शुभारंभ अनिता भार्गव द्वारा शिव गोरा के लाल गणेश वंदना के साथ किया गया। इसके पश्चात् चरणदास के श्रंगार व महाआरती का आयोजन किया गया। अनोखेदास चरणों की यह बधाई.....गीत की प्रस्तुति अनिता भार्गव द्वारा की गई।
कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के पूर्व सदस्य कंवल प्रकाश किशनानी का समाज के पदाधिकारियों ने माल्यार्पण कर तुलसी का पौधा भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर किशनानी ने कहा कि मनुष्य के जीवन में संतो का बहुत ऊँचा स्थान होता है और हम संतों के द्वारा ही हम ईश्वर को प्राप्त कर सकते है। कंवल प्रकाश ने कहा कि उनके स्वयं के गुरू स्वामी हिरदाराम जी है और वह उन्हीं के मार्गदर्शन में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है।
किशनानी ने कहा कि स्वामी हिरदाराम जी का कहा करते थे कि बूढे बच्चें और बीमार है परमेश्वर के यार, करो भावना से सेवा इनकी, पाओगे लोक परलोक में सुख अपार। जन्मोत्सव के अवसर पारूल प्रणय भार्गव व मंजु भार्गव ने स्वामी चरणदास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनसे जुड़ी बातों व चमत्कारों के बारे मे चर्चा की।
इस अवसर पर समाज के 60 से अधिक आयु वर्ग के शिक्षकों को कंवल प्रकाश किशनानी एवं भार्गव समाज के पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया जिनमें बीना भार्गव, निलिमा भार्गव, रजनी भार्गव, अमिता भार्गव, नीरज भार्गव को दुपट्टा, श्रीफल, अभिनंदन पत्र भेट कर सम्मानित किया गया साथ ही स्मिता भार्गव कथक गुरू व रंगमंच के नाट्य गुरू के रूप विष्णु अवतार भार्गव को टेबिल टेनिस में राज्य स्तर पर चयनित होने पर मान्यता भार्गव व चित्रकला में अधिरथ भार्गव को माला पहनाकर सम्मानित किया गया।
मनोज भार्गव ने सुख दुख दोनों मिलते है...., गीत प्रस्तुति के साथ ही शिल्पा भार्गव व ग्रुप ने स्वामी चरणदास पर नाट्य झलकी प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अंत में सचिव अत्रि भार्गव ने उपस्थित सभी का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया एवं संचालन अनिता भार्गव ने किया। इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी, सदस्य व समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।