Bharatpur: राहुल श्रीवास्तव आईएएस ने इनक्यूबेटर सेंटर में की स्टार्टअप के साथ चर्चा

Update: 2024-12-03 13:01 GMT
Bharatpur भरतपुर । प्रशिक्षु आईएएस राहुल श्रीवास्तव द्वारा राजकीय अभियात्रिंकी महाविद्यालय परिसर में इनक्यूबेटर सेंटर में नवाचार को बढावा देने के लिए स्टार्टअप से चर्चा की गई। उन्होंने स्टार्टअप को बिजनेस बढ़ाने, आइडिया डेवलप करने, तकनीकी रूप से कुशल बनाने, व्यवसाय को पूर्ण रूप से स्थापित एवं विकसित करने के लिए अपने सुझाव साझा किए।
उन्होंने आधुनिक सुविधाओं से युक्त टिंकरिंग लैब में स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों एवं स्टार्टअप कोरोबोटिक्स, ड्रोन, ह्यूमनॉइड सिस्टम, 3डी पिं्रटर, एआई और आईओटी आदि में रूचि बढ़ाने, ट्रेनिंग देने के साथ साथ नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भरतपुर में संचालित इनक्यूबेटर सेंटर में लगभग 100 से अधिक स्टार्टअप जुडे हुए हैं। ये स्टार्टअप शिक्षा, कृषि, आईटी, पर्यटन, फैशन, एनीमेशन, रिन्यूएबल एनर्जी आदि विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार करके अपने आइडिया क्रियान्वित करने के साथ ही रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भरतपुर में स्टार्टअप को बढावा देने के लिए इनक्यूबेटर सेंटर में मेंटरिंग सुविधा भी दी जा रही है।
चर्चा के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के उप निदेशक हरिमोहन शर्मा ने बताया कि आईस्टार्ट राजस्थान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग का प्रमुख कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि यह एक एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म है जो स्टार्टअप, छात्रों, उद्यमियों, नवाचारी, इनक्यूबेटर्स, एक्सेलरेटर्स और मेंटर्स के लिए एकल खिड़की संसाधन के रूप में कार्य करता है। इसका उद्देश्य राज्य में नवाचार को पोषण देना, उद्यमिता को बढ़ावा देना, सम्पदा उत्पन्न करना और राज्य में नौकरियों को बनाना है।
चर्चा के दौरान हरिमोहन शर्मा ने बताया कि राजस्थान सेंटर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी ;त्.ब्।ज्द्ध उन्नत प्रौद्योगिकी का एक अनूठा संस्थान है, जो राजस्थान सरकार द्वारा छात्रों और मध्य-कैरियर पेशेवरों के बीच आईटी कौशल को आत्मसात करने और विकसित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र को निर्बाध कौशल विकास के लिए अच्छी तरह से शोध किए गए और उद्योग-संचालित पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है। चर्चा के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के सूचना सहायक सदेष कुमार, रविकुमार ने भी नवाचार को बढावा देने के लिए अपने विचार साझा किए।
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