बैडमिंटन हॉल हुआ जर्जर, कॉलोनीवासियों की बढ़ी परेशानी

Update: 2022-12-27 13:16 GMT

कोटा न्यूज़: केन्द्र व राज्य सरकार एक तरफ खेलों को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर खेल संकुल व सुविधाएं विकसित कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ जो खेल सुविधाएं पहले से हैं वे अनदेखी के चलते दुर्दशा की शिकार हो रही हैं। ऐसा ही हाल नगर निगम कोटा दक्षिण क्षेत्र में नगर निगम के बैडमिंटन हॉल का है। नगर निगम कोटा दक्षिण के वार्ड 61 स्थित दादाबाड़ी में डिस्पेंसरी के पास ही निगम का बैडमिंटन हॉल बना हुआ है। उसका उपयोग आस-पास के लोग बैडमिंटन खेलने के लिए करते थे। जिनमें बच्चे व बड़े सभी लोग शामिल थे। लेकिन कोरोना काल के समय में जब सभी सामदायिक भवन व खेल मैदानों को बंद किया गया था। उसी समय पर इस बैडमिंटन हॉल को भी बंद किया गया था। उसके बाद से निगम के अधिकारियों ने इसकी सुध तक नहीं ली। सभी सामुदायिक भवन व हॉल को कोरोना की स्थिति सामान्य होने के साथ ही खोल दिया गया था। लेकिन दादाबाड़ी स्थित बैडमिंटन हॉल की तरफ निगम अधिकारियों ने जाकर देखा तक नहीं। जिससे करीब तीन साल का समय होने जा रहा है। अभी तक भी वह बंद ही है।

अंधेरा रहने से डर का माहौल: बैडमिंटन हॉल के पास रहने वाले कॉलोनी वासियों का कहना है कि तीन साल से हॉल बंद रहने के कारण यहां लाइटें तक बंद हो गई है। जिससे रात के समय अंधेरा रहता है। अंधेरे में असामाजिक तत्वों का यहां बैठे रहने के कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। लोगों ने बताया कि रात के समय लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

नशेड़ियों व असामाजिक तत्वों का जमावड़ा: स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले इस बैडमिंटन हॉल में शाम के समय बच्चे व लोग खेलने जाते थे। यहां लोगों के आने-जाने से चहल-पहल बनी रहती थी। लेकिन पिछले तीन साल से इसके बंद होने से यह असामाजिक तत्वों व नशेड़ियों का अड्डा बनकर रह गया है। यहां शाम के समय ही नहीं दिन में भी नशा करने वालों का जमावड़ा लगा रहता है। असामजिक तत्व चार दीवारी कूदकर अंदर घुस जाते हैं। वहां बैठकर नशा करते हैं। जिससे आस-पास मकानों में रात के समय चोरी होने व महिलाओं का घर के बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है।

अनदेखी से हो रहा दुर्दशा का शिकार: नगर निगम के अधिकारियों की अनदेखी के चलते इस बैडमिंटन हॉल की दुर्दशा हो रही है। जानकारों के अनुसार तीन साल से इसकी सार संभाल तक नहीं हुई। जिससे यह पूरी तरह से जर्जर हो गया। इस हॉल का टीनशेड जगह-जगह से टूटा हुआ है। वहां रखी टेबल टेनिस की टेबल तक खराब हो गई है। पूरे हॉल में धूल मिट्टी छायी हुई है। इतना ही नहीं पूरे परिसर में बड़ी-बड़ी झाड़ झंकार उग गए हैं। यहां तक कि हॉल के मेन गेट का ताला तक लोगों ने तोड़ दिया है।

इनका कहना: दादाबाड़ी ही कोटा दक्षिण क्षेत्र में निगम का यह एक मात्र बैडमिंटन हॉल है। जिसका उपयोग लोग खेलने के काम में लेते थे। लेकिन कोरोना काल के समय बंद होने के बाद से निगम अधिकािरयों ने इसकी सुध नहीं ली। जिससे यह पूरी तरह से जर्जर हो गया है। इसे फिर से चालू करवाने के लिए पूर्व आयुक्त कीर्ति राठौड़ को कई बार ज्ञापन दिया था। उन्होंने मौका भी देखा था। लेकिन उसके बाद उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे यह जगह बेकार हो रही है। यदि निगम के अधिकारी इसकी सफाई करवाकर थोड़ी सी मरम्मत करवाकर इसे चालू करवा दें तो वार्ड के लोगों को ही नहीं पूरे क्षेत्र के लोगों को इससे लाभ होगा।

-रामबाबू सोनी, पार्षद वार्ड 61, नगर निगम कोटा दक्षिण

दादाबाड़ी में बैडमिंटन हॉल होने की जानकारी तो है। लेकिन उसकी वर्तमान हालत की जानकारी नहीं है। उसे संबंधित अधिकारी को भिजवाकर दिखवा लेते हैं। यदि ठीक होने की स्थिति में होगा तो ठीक करवाएंगे। जिससे उसका उपयोग हो सके। साथ ही बैडमिंटन हॉल परिसर की साफ सफाई और झाड़ियों को भी कटवाया जाएगा। जिससे वहां नशा करने वाले व असामाजिक तत्वों का जमावड़ा नहीं लग सके।

-राजपाल सिंह, आयुक्त, नगर निगम कोटा दक्षिण 

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