परिवर्तन यात्रा में आलाकमान से मिली तवज्जो, उत्साहित वसुंधरा ने खोला गहलोत के खिलाफ सीधा मोर्चा

Update: 2023-08-24 15:26 GMT
 
नई दिल्ली (आईएएनएस)। राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक भूमिका को स्पष्ट करने की पार्टी आलाकमान से लगातार मांग कर रही वसुंधरा राजे सिंधिया को जब पार्टी ने हाल ही में घोषित प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश संकल्प पत्र समिति में शामिल नहीं किया था तो उनके समर्थक काफी निराश हो गए थे।
लेकिन, पार्टी आलाकमान ने उनके कद को देखते हुए जैसे ही गहलोत सरकार के खिलाफ चलाए जाने वाली 'परिवर्तन यात्रा' में वसुंधरा राजे सिंधिया को तवज्जो देने का संकेत दिया, उसके बाद से ही उत्साहित राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल, भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ सितंबर महीने में प्रदेश के चार प्रमुख धर्मस्थलों से चार अलग-अलग परिवर्तन यात्राएं निकालने का फैसला किया है। इन चारों यात्राओं का समापन 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के साथ जयपुर में होगा।
बताया जा रहा है कि, पहली परिवर्तन यात्रा को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 2 सितंबर को सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगें और इस यात्रा की अगुवाई करने का जिम्मा पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को सौंपी है।
भाजपा की दूसरी परिवर्तन यात्रा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 3 सितंबर को डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे और इस यात्रा का नेतृत्व भाजपा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी करेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 4 सितंबर को जैसलमेर के रामदेवरा से तीसरी यात्रा को रवाना करेंगे, जिसका नेतृत्व करने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की है।
भाजपा की चौथी यात्रा को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 5 सितंबर को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह चौथी यात्रा हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी से शुरू होगी और इसकी अगुवाई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया करेंगे।
पार्टी आलाकमान द्वारा परिवर्तन यात्रा में तवज्जो देने से उत्साहित वसुंधरा राजे सिंधिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है।
वसुंधरा ने गुरुवार को गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा, "गंग नहर में पानी की आवक आज 10 दिन बाद भी शून्य है, जबकि फसलों को इस समय पानी की आवश्यकता ज्यादा है।
किसान पिछले 15 दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी सुध नहीं ली है। सरकार समस्या के संबंध में प्रतिनिधिमंडल भेजकर या पत्राचार कर किसानों की पीड़ा का समाधान कर सकती थी।
हमारी सरकार ने भी तो कई बार किया था। सरकार अन्नदाता की समस्या का समाधान आखिर कब करेगी? किसानों की पीड़ा सरकार कब सुनेगी? "
इससे एक दिन पहले बुधवार को वसुंधरा राजे ने गहलोत के 2030 के विजन पर सवाल खड़ा करते हुए यह पूछा था कि, "मुख्यमंत्री जी! आप कौन से 2030 के विजन की बात कर रहे हैं? 2018 के चुनाव में किए किसानों की कर्ज माफी और युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा तो आपसे पूरा हुआ नहीं।
आपने प्रदेश को अव्वल बनाने का वादा किया था। लेकिन, महिलाओं के खिलाफ अपराध में, बेरोजगारी में, महंगाई और भ्रष्टाचार में, परीक्षा पेपर लीक में न.1 बनाकर छोड़ दिया है।"
वसुंधरा ने राजस्थान की जनता द्वारा गहलोत को दिन में तारे दिखाने की भविष्यवाणी करते हुए यह भी कहा, "भाजपा सरकार ने जो काम किए थे, उन पर रंगाई-पुताई कर क्रेडिट लेने में कांग्रेस ने पौने पांच साल निकाल दिए।
बिजली विभाग पर 80,000 करोड़ रु से अधिक का कर्ज है और बिजली कटौती की मार प्रदेश की जनता को झेलनी पड़ रही है। 2030 की बात करने से पहले मुख्यमंत्री पिछले 4 साल का रिपोर्ट कार्ड देख लेते तो शायद यूं कोरे सपने नहीं देखते। क्योंकि जनता अब आपको दिन में तारे दिखाने वाली है।"
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