अजमेर न्यूज: राजस्व मंडल सहित अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों में ई-न्यायालय के माध्यम से मुकदमों की सुनवाई की तैयारी चल रही है. जयपुर से आई सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की टीम ने राजस्व मंडल में ई-कार्ट के तहत वीसी की स्थापना कर डेमो दिया। कोर्ट रूम के अंदर और बाहर से पक्षकार शामिल थे। ई-कार्ट के तहत पहले चरण में ई-समन और ई-फाइलिंग को लागू किया जाना है। जबकि तकनीकी विभाग की मंशा है कि ई-समन और ई-फाइलिंग और वर्चुअल सुनवाई एक साथ लागू की जाए।
संभागीय अधिकारियों ने वर्चुअल सुनवाई की कार्यवाही का अवलोकन किया. हाईकोर्ट के डेमो में यह भी देखा गया कि वीसी के जरिए वहां कैसे काम होता है। डेमा के दौरान, राजस्व बोर्ड के अधिकारियों, डीओआईटीसी के अधिकारियों, उच्च न्यायालय जयपुर में वीसी के तहत कार्यरत कंपनी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार राजस्व न्यायालयों में ई-फाइलिंग, ई-समन एवं वीसी के माध्यम से सुनवाई की व्यवस्था लागू की जानी है. इसके लिए 25 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। मुख्य सचिव ने बजट घोषणा का पालन करने के लिए प्रूफ ऑफ कांसेप्ट (पीओसी) का पालन करने के भी निर्देश दिए हैं. वर्तमान में यह व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में लागू है।
राज्य के अधिकांश भूमि विवाद न्यायालयों, राजस्व मंडल एवं प्रदेश के 1700 अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों में ई-न्यायालय के माध्यम से मामलों की सुनवाई से पूर्व ई-फाइलिंग की जायेगी. संबंधित पक्ष को ई-नोटिस जारी किया जा सकता है। फाइल ऑनलाइन ही चलेगी। मामलों की वर्चुअल सुनवाई होगी। यह सारा काम ऑनलाइन किया जाएगा। ई-कॉलिंग के जरिए अधीनस्थ न्यायालयों से केस फाइल मंगाई जाएगी। काम में पारदर्शिता आएगी। राजस्व मंडल प्रकरणों की सुनवाई के लिए तहसीलदार को ई-समन भेजेगा। तहसीलदार संबंधित पक्ष को नोटिस तामील करवा कर उसकी सूचना ई-मेल के माध्यम से राजस्व मंडल को भेजेगा। अभी तक यह व्यवस्था डाक के माध्यम से होती है। इससे नोटिस देने में देरी होती है। कई बार तो नोटिस भी नहीं तामील किया जाता है। पारदर्शिता का भी अभाव है।