कोटा: उम्मेदगंज में पिछले कई दिन से चल रहे आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन के विरोध का मामला शुक्रवार को गर्मा गया। कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाने से नाराज ग्रामीणों का आक्रोश इतना भड़क गया कि वे पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत की अगुवाई में निर्माण स्थल पर पहुंच गए और निर्माण कार्य रूकवा दिया। पूर्व विधायक राजावत ने बताया कि वे बुधवार को जिला कलक्टर से मिले थे और , स्पष्ट चेतावनी दी थी कि उम्मेदगंज सिंचित क्षेत्र है। दायीं मुख्य नहर के किनारे कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाना मुनासिब नहीं है, इससे नहर का पानी दूषित होगा। हजारों देशी - विदेशी पक्षियों का विहार और प्रजनन प्रभावित होगा। चन्द्रलोई नदी भी दूषित होगी। फिर भी नगर निगम ने हठधर्मिता से कचरा पात्र का निर्माण प्रारम्भ करवा दिया। जिसे आक्रोशित लोगों ने न केवल निर्माण बन्द करवा दिया बल्कि काम करने वालों को यह चेतावनी भी दे दी कि यदि दुबारा काम शुरू किया तो जनता को मजबूरन तोड़फोड़ पर उतरना पड़ेगा।
राजावत ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि निगम कचरा ट्रांसफर स्टेशन ऐसी जगह बनाने जा रहा है जहां बरसात में 8-8 फीट पानी भर जाता है। यह तय है कि वर्षा ऋतु में पूरा गांव कचरे वाले गंदे पानी में डूब जायेगा। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर निर्माण पर्यावरण और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के प्रतिकूल है। इसके बावजूद भी निगम इसका निर्माण करने पर अड़ा हुआ है । लेकिन अब उम्मेदगंज की जनता किसी भी सूरत में यहां पर कचरा ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण नहीं होने देगी और निगम यह निर्णय वापस लेना ही पड़ेगा। इस अवसर पर राजावत के साथ भाजपा के पूर्व शहर जिला महामंत्री आलोक शर्मा, पंचायत समिति सदस्य सोनू नागर, धाकड़ समाज अध्यक्ष सत्यनारायण नागर, युवा मोर्चा महामंत्री जयराज सिंह, पूर्व मण्डल अध्यक्ष कान सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता कान सिंह, सीताराम गोचर, तुलसीराम मीणा, सुरेन्द्र मीणा, प्रह्लाद गुर्जर, लक्ष्मण मीणा, गोविन्द शर्मा, बंशीलाल सुमन आदि प्रमुख थे।