भरतपुर न्यूज: शिक्षा विभाग 18 वर्ष तक के बच्चों का डिजिटल डाटा कलेक्ट करेगा। बच्चों के नाम, उम्र व पते से शिक्षक मिलकर लेकर स्कूल, कक्षा, अनामांकित व ड्रॉपआउट तक की सारी जानकारी ऑनलाइन अपलोड की जाएगी। डिजिटल प्रवेशोत्सव के नाम से ये काम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सरकारी शिक्षकों से डोर टू डोर करवाया जाएगा। इसके लिए एजुकेट गर्ल्स नाम का एक मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। जिसके जरिये सरकारी स्कूलों के प्रवेशोत्सव के साथ ही बच्चों की जानकारी ऑनलाइन अपलोड की जाएगी। गांव व घर मोबाइल एप में नए गांव व मकान जोड़ने का विकल्प भी दिया गया है।
बच्चे के अनामांकित होने पर शिक्षक को कारण बताना होगा
एप में शिक्षकों को बच्चे अनामांकित या ड्रॉप आउट होने का कारण बताना होगा। इसके लिए एप में ही शैक्षिक स्थिति (कक्षा, स्कूल, अनामांकित, ड्रॉप आउट). निजी स्कूल से आने वाले बच्चे, विशेष ध्यान देने वाले परिवारों व विशेष कई विकल्प मौजूद है। इसके अलावा खाना बदोश, बालश्रमिक, कोविड प्रभावित, बिना संरक्षक के बच्चों को इसमें विशेष ध्यान देने वाले वर्ग में शामिल करना होगा। वहीं, दिव्यांग बच्चों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों में शामिल करना होगा।
डिजिटल प्रवेशोत्सव के तहत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की ऑनलाइन कुंडली तैयार की जाएगी। ये सर्वे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व शिक्षक मिलकर करेंगे। 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों का प्रवेश आंगनबाड़ी केंद्रों व सात से 18 आयु वर्ग के बच्चों का प्रवेश स्कूलों में होने की वजह से ये व्यवस्था की गई है। सर्वे के दौरान यदि कोई मकान या गांव ऐप में शामिल नहीं हो तो शिक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मकान नम्बर व मोहल्ले के नाम सहित बच्चे का पता जोड़ सकते हैं।