जयपुर। राजस्थान रोडवेज के विधि विभाग में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों ने मैसर्स आशापुरा प्रकरण मे मध्यस्थ द्वारा तथ्यों की अनदेखी कर रोडवेज के खिलाफ पारित 103 करोड़ रुपए के अवार्ड को वाणिज्यिक न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने पर एक- दूसरे को बधाई दी।
कार्यकारी निदेशक (विधि) विजय कुमार जैन ने बताया कि इस मामले मे रोडवेज के साथ-साथ परिवहन विभाग की संपत्ति के भी कुर्की के आदेश थे, ऐसे मे वाणिज्यिक न्यायालय मे वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर एवं पेनल अधिवक्ता प्रतिक माथुर द्वारा प्रभावी पैरवी कर इस अवॉर्ड को खारिज करवाने मे सफलता प्राप्त की है। रोडवेज के एम.डी. नथमल डिडेल ने विधि विभाग को बधाई दी और अन्य प्रकरणों में भी रोडवेज का पक्ष प्रभावी रूप से रखकर मजबूत पैरवी करने को लेकर प्रोत्साहित किया।