देश में विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी चुनौतियों पर भी ध्यान दे: कलराज मिश्र

Update: 2023-07-31 15:35 GMT
राजस्थान | राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश में विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी चुनौतियों पर भी ध्यान देने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि नागरिक समाज संगठनों को लैंगिक असमानता, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने की दिशा में काम करना चाहिए। मिश्र सोमवार को जयपुर में जी-20 के सहभागी समूह सिविल-20 (सी-20) के तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी देवी ‘अम्मा’ ने की। राज्यपाल ने कहा, “भारतीय संस्कृति में प्रकृति पूजन की प्राचीन और अनूठी परंपरा है, जिसके प्रति जागरूकता लाने का काम बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए। जीव-जंतुओं के प्रति प्रेम-भाव रखते हुए आधुनिक पीढ़ी को उनके संरक्षण की लोक परंपराओं से जोड़े जाने की जरूरत है।”
एक बयान के मुताबिक, मिश्र ने कहा कि आर्थिक असमानता, लैंगिक विषमता को दूर करने और सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि मनुष्य एक-दूसरे के प्रति प्रेमभाव रखे। उन्होंने कहा कि इन लक्ष्यों की प्राप्ति के उद्देश्य से देश की विकास योजनाओं और नीतियों को आम जन के अनुरूप ढालने में नागरिक संगठन अहम भूमिका निभा सकते हैं। राज्यपाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से विकास के रास्ते पर बढ़ा है। देश में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय मिशनों की श्रृंखला के मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के तहत गरीबी और लैंगिक एवं आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए प्रभावी योजनाएं लागू की गई हैं।” मिश्र ने सिविल-20 समूह की सराहना करते हुए इसे जी-20 देशों के आर्थिक और नागरिक हितों के बीच संतुलन स्थापित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि ‘अम्मा’ ने जी-20 के विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ को सही मायने में चरितार्थ किया है। कार्यक्रम में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा, “प्राकृतिक संसाधनों के बेतहाशा दोहन से उपजे हालात के परिणाम जलवायु परिवर्तन के रूप में सामने आ रहे हैं। विषम जलवायु का सबसे अधिक दुष्प्रभाव महिलाओं, बच्चों, गरीबों और कमजोर वर्ग को झेलना पड़ता है।” उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के संयमित और न्यायसंगत इस्तेमाल के लिए सभी संस्कृतियों को साथ लेकर नीतियां बनाने पर जोर दिया। वसुंधरा राजे ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जारी संघर्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा, “वर्तमान दौर युद्ध का नहीं है। समस्याओं का समाधान युद्ध से नहीं, संवाद और कूटनीति के माध्यम से निकाला जाना चाहिए।” अमृतानंदमयी मठ के उपाध्यक्ष स्वामी अमृत स्वरूपानंद पुरी ने कहा कि माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) ने सी20 इंडिया के सफल समापन के बाद आधिकारिक तौर पर सी20 का नेतृत्व ब्राजील को सौंप दिया।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में 800 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिनमें दुनिया भर के नागरिक समाज संगठन, प्रसिद्ध संस्थानों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ और जी20 अधिकारी शामिल थे। उन्होंने कहा कि “ श्रीमाता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) ने भारत में सी20 की उल्लेखनीय सफलता के लिये हमारी एक मात्र प्रेरणा और मार्गदर्शक के रूप में काम किया।यह उनके दिव्य नेतृत्व और मार्गदर्शन के कारण ही संभव हो सका।’’ कार्यक्रम में, मिश्रा ने माता अमृतानंदमयी मठ के अंतर्राष्ट्रीय जमीनी स्तर सर्वेक्षण- 2023 का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी देवी ने की।
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