अजमेर: सिविल लाइन थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। वहीं आरोपी रत्नू का कहना है कि उन्होंने नियमानुसार पट्टा शुदा प्लॉट खरीदा था। एडीए से नियमन भी कराया है। प्लॉट पर पानी-बिजली का कनेक्शन भी उनके नाम पर है।
परिवादी भरत खत्री ने शिकायत में बताया है कि जय नगर हाउसिंग सोसाइटी द्वारा ग्राम चौरसियावास में भूखंड संख्या 35 आशा कंवर पत्नी प्रह्लाद सिंह देवल को आवंटन किया था। जिसमें 15 रुपए वर्ग गज की दर से 4000 रुपए वसूल कर रसीद दी गई। सोसाइटी की ओर से प्लॉट आवंटन पत्र संख्या 932 आशा कंवर को 22 अक्टूबर 1989 को जारी किया था। आशा कंवर द्वारा उक्त भूखंड सीता देवी को बेचा था। इस पर सोसाइटी द्वारा मूल आवंटन पत्र पर हस्तांतरण स्वीकार कर हस्तांतरण राशि 533 रुपए वसूल कर भूखंड सीता देवी को हस्तांतरित कर दिया।
सीता देवी द्वारा यह भूखंड प्रकाश चन्द को बेच दिया तथा प्रकाश चन्द ने यह भूखंड हरीश खत्री पुत्र गिरधारी लाल को बेचा। हरीश खत्री ने इस भूखंड पर चार दीवारी बनाकर गेट लगा दिया। इस प्लॉट के आवंटन पत्र की द्वितीय प्रति जो सोसाइटी के पास थी उसमें प्रशासक के हस्ताक्षर नहीं थे। इस मानवीय भूल का फायदा उठाते हुए बाबूलाल व विनोद रत्नू ने सोसाइटी से मूल आवंटी आशा कंवर के अपूर्ण पते पर कागजात पूर्ण कराने हेतु नोटिस निकलवाया तथा अपूर्ण सूचना दैनिक अखबार में प्रकाशित कराई।