Ajmer: चिकित्सकों ने लिया टीबी मुक्त भारत का संकल्प जिला कलक्टर भी बने निक्षय मित्र

Update: 2024-12-29 04:49 GMT
Ajmer अजमेर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक का आयोजित किया गया। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामलाल जाट, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. एस. किराडिया, आरसीएचओ डॉ. स्वाति शिंदे एवं डीटीओ डॉ. लोकेश, डॉ. मोहित
डीपीसी मौजूद रहे।
इसी के साथ सभी बीसीएमओ एवं चिकित्सा अधिकारी प्रभारी एवं प्रोग्राम ऑफिसर्स ने बैठक में भाग लिया। बैठक के दौरान विभिन्न बिंदुओं पर चर्चाएं की गई।
सबसे प्रथम एनपीसीसीएचएच कार्यक्रम के अंतर्गत सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को मौसम में बदलाव होने के कारण होने वाली बीमारियों एवं प्राकृतिक आपदाओं के बारे में विस्तारपुर जानकारी दी गई। इसमें उन्हें बताया गया कि मौसम निरन्तर बदल रहा है। उससे अलग-अलग तरह की नई बीमारियां उत्पन्न हो रही है। यह बीमारियां जानवरों पक्षियों आदि से मनुष्य में फैलती है। वे महामारी का रूप ले लेती है जैसे कि पूर्व में कोरोना के अंतर्गत हुआ था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत उन्होंने विस्तार पूर्वक बताया कि वायरस व बैक्टीरिया रुप को बदलते रहते हैं। इससे विभिन्न तरीके के रोग उत्पन्न हो रहे हैं।
इसी के साथ फॉरेंसिक मेडिसिन जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के डॉ. बृजेश एवं डॉ. विजयवर्गीय ने सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को पोस्टमार्टम करने के संबंध में सभी प्रकार की जरूरी जानकारी दी। इसमें कानूनी एवं महत्वपूर्ण स्थितियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा ने सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को निर्देश दिए कि सीएससी पीएससी ड्यूटी पर चिकित्सा अधिकारी पुरुष या स्त्री दोनों को ही कानूनी रूप से पोस्टमार्टम करना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि कोई भी अपने चिकित्सा संस्थान से दूसरी जगह पोस्टमार्टम के लिए रेफर ना करें।
एनसीडी कार्यक्रम गैर संचारी रोगों के अंतर्गत एएनएम, आशा द्वारा किए गए सर्वे स्क्रीनिंग एवं फॉलोअप कार्य को ऑनलाइन इंद्राज करने के लिण् निर्देश दिए गए। साथ ही आशाओं को समय पर भुगतान किए जाने की भी निर्देश दिए गए।
परिवार कल्याण के अंतर्गत अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामलाल जाट ने सभी चिकित्सा अधिकारियों प्रभारी को मार्च 2025 तक के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु दिशा निर्देश दिए। अब तक के प्राप्त लक्ष्यों की समीक्षा की।
राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने क्षेत्र में पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करें एवं बच्चों को समय पर टीके प्रदान करें। साथ ही वंचित बच्चों को चिह्वित कर उनका टिकाकरण पूर्ण करें।
मच्छर जनित रोगों के लिए सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को दिशा निर्देश दिए गए कि वे अपने क्षेत्र में समय पर एंटी लारवा एक्टिविटी व एंटी एडल्ट एक्टिविटी सुनिश्चित करें।
संचारी रोगों के अंतर्गत सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को बताया गया कि वे अपने संस्थान की ऑनलाइन रिपोर्टिंग करें और समय पर इसका इंद्राज करें।
मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना व जांच योजना के अंतर्गत सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को दिशा निर्देश दिए गए कि वे अपने संस्थान पर सभी दवाएं एवं रसायन जो जांच में उपयोग होते हैं उसकी समय पर सुनिश्चितता करें। साथ ही समय पर ऑनलाइन एंट्री सुनिश्चित करे।
इसी प्रकार राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अंतर्गत की जाने वाली सभी तरह की रिपोर्टिंग एवं लक्ष्य समय पर प्राप्त करने हेतु निर्देश दिए गए।
इसी के साथ आयुष्मान भारत के अंतर्गत बनने वाले ई कार्ड एवं प्रधानमंतर््ी आयुष्मान भारत योजना योजना के अंतर्गत लक्ष्य की प्राप्ति की समीक्षा की गई। इसमें उन्होंने सभी को निर्देश दिए की समय पर लक्षण की प्राप्ति करें एवं आभा कार्ड का वितरण सुनिश्चित करें।
साथ ही टीबी मुक्त भारत 2025 के तहत सभी चिकित्सा अधिकारियों प्रभारी को निक्षय मित्र बनाया गया। निक्षय मित्र टीबी के मरीज के टीबी रोग के उपचार के दौरान उन्हें पोषण किट उपलब्ध कराते हैं। जिला कलेक्टर श्री लोक बंधु ने निक्षय मित्र बनने की पहल की। साथ ही निर्देशित किया की समस्त चिकित्सा अधिकारी भी निक्षय मित्र बनेंगे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा ने सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को निर्देश दिए कि वह अपने क्षेत्र में मच्छर जनित बीमारियों के लिए समय पर एंटी लारवा व एंटी एडल्ट एक्टिविटी करे। साथ ही जुकाम, बुखार एवं आदि के मरीज का समय पर सर्वे कर उनकी जांच आदि कर उन्हें समय पर दवा देना सुनिश्चित करें उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारी को निर्देश दिए कि वह अपने मुख्यालय पर ही रहे एवं किसी भी तरह का अवकाश केवल जरूरी स्थितियों में ही दिया जाएगा।
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