Ajmer: विद्युत पोल पर कार्य करते समय करंट से एक लाइनमैन की मौत हुई
लगभग छ: घंटे तक शव पोल पर लटका रहा
अजमेर: बांदनवाड़ा में विद्युत पोल पर कार्य करते समय करंट से एक लाइनमैन की मौत हो गई। लगभग छ: घंटे तक शव पोल पर लटका रहा। विभाग का कोई भी आलाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 48 को अवरुद्ध करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। इस दौरान छह घंटे तक शव पलंग पर लटका रहा। घटना के बाद पुलिस माैके पर पहुंची और समझाइश का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। इससे हाईवे पर पांच घंटे तक जाम लगा रहा। दोपहर 3 बजे बाद अधिकारी माैके पर पहुंचे और मांगें पूरी करने के आश्वासन के बाद शव को टाेल से हटाया गया। राताकोट निवासी लाइनमैन किशन जाट ने पास के खेत में काम कर रहे जाट की चीख सुनी तो देखा कि एक व्यक्ति खंभे से चिपका हुआ है। उन्होंने बिजली विभाग को सूचना दी, जिस पर आधे घंटे में बिजली बंद कर दी गई, लेकिन कोई अधिकारी घर नहीं पहुंचा। अधिकारियों को फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। सूचना पर खेड़ी गांव सहित आसपास के गांवों से हजारों लोग मौके पर पहुंच गए। जब तक ग्रामीण उचित मुआवजा और परिजन को सरकारी नौकरी समेत विशेष लाभ देने का लिखित आश्वासन नहीं देंगे तब तक शव को पोल से नहीं हटाया जाएगा।
शटडाउन में चालू की बिजली, करंट की चपेट में आया प्राइवेट कर्मचारी: सिलोर/बूंदी- बिजली विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण शनिवार शाम 4 बजे 11 हजार केवी लाइन पर काम कर रहे एक प्राइवेट कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई। ग्रामीणों और परिजनों का कहना है कि सिलोर गांव में लाइन पर काम करने के लिए शटडाउन लिया गया था, लेकिन इसी बीच मजदूरों ने बिजली चालू कर दी. लाइन पर काम कर रहे ओमप्रकाश कुशवाह करंट की चपेट में आने से पूरी तरह झुलस गए, उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डिस्कॉम के एसई ने मामले की जांच एक्सईएन को सौंपते हुए जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, सदर पुलिस ने परिजनों की रिपोर्ट पर 2 कार्मिकों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
युवक की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को समाहरणालय पर प्रदर्शन किया. बाद में प्रशासन व डिस्कॉम अधिकारियों ने मुआवजा देने व नियमानुसार कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण वापस गांव लौट गये. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि शटडाउन में बिजली चालू करने वाले कर्मियों को निलंबित किया जाये. साथ ही उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. यदि कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।