उदयपुर। नगरीय शासन विभाग के अधिकारियों के नाम पर 12 लाख की घूस लेने के बाद उदयपुर नगर विकास प्रन्यास (यूआईटी) के अधिकारी और कर्मचारी एसीबी की निगाह में हैं। पकड़े गए दलाल के जरिए पता चला है कि किस तरह यूआईटी उदयपुर में नियमों के विपरीत 65 पार से अधिक उम्र के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं। आशंका यह भी जताई जा रही है कि इन्हीं के जरिए अधिकारियों का दलालों संपर्क, कामों की रेट लिस्ट तथा कमीशन आदि की वसूली की जा रही है।
यूआईटी का अपना ही सिस्टम, नाम दिया एक्सटेंशन ऑफ इंट्रेस्ट
12 लाख रुपए की घूस लेने के आरोप में पकड़े गए उदयपुर के दलाल लोकेश जैन ने बताया कि यूं तो यूआईटी उदयपुर में 20 सेवानिवृत्त अधिकारी—कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं, जिनमें से आठ ऐसे हैं जो 65 वर्ष की उम्र से परे होने के बावजूद उनकी सेवाएं ली जा रही है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सेवानिवृत्त कर्मचारी से संविदा या विशेष नियुक्ति के बहाने 5 साल (65 साल तक) सेवाएं ली जा सकती हैं, लेकिन यूआईटी ने इसके परे अपना सिस्टम ईजाद कर लिया। इसे एक्सटेंशन ऑफ इंट्रेस्ट का नाम दिया है। खास बात यह भी है कि संविदा पर लगे कर्मचारियों की नियमित कर्मचारियों की तरह सिंगल साइन ऑन (एसएसओ) आईडी भी बनी हुई है। इसके जरिए ये ऑनलाइन आवेदन व फाइलों पर सीधी निगरानी रखने के साथ ही उन्हें आगे भी बढ़ाते हैं। जबकि यूआईटी में स्वीकृत, कार्यरत और रिक्त पदों की सूचना वाली सूची में 65 पार वाले कर्मचारियों के खास पद की जानकारी सरकार को नहीं भिजवाई जाती है।