Rajasthan जयपुर : राजस्थान शिक्षा विभाग ने शनिवार को स्कूलों में चाकू या कैंची जैसे धारदार हथियार ले जाने पर प्रतिबंध लगाने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए। यह कदम उदयपुर में शुक्रवार को हुई हिंसा के बाद उठाया गया है, जब सरकारी स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र ने अपने एक सहपाठी पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे सहपाठी गंभीर रूप से घायल हो गया।
दिशा-निर्देश के अनुसार, शिक्षक छात्रों के स्कूल बैग की जांच करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूल में ऐसी कोई वस्तु नहीं लाई जा रही है। दिशा-निर्देश का उल्लंघन करने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक आशीष मोदी ने कहा कि परिवार अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं। उन्होंने कहा, "ऐसी स्थिति में स्कूल परिसर छात्रों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान होना चाहिए। वहां किसी भी तरह की हिंसा नहीं होनी चाहिए। छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने यह दिशा-निर्देश जारी किया है।" नई गाइडलाइन को स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर चिपकाया जाएगा और प्रार्थना सभाओं के दौरान छात्रों को इसके बारे में जानकारी भी दी जाएगी।
शुक्रवार को उदयपुर में हिंसा भड़क उठी जब एक सरकारी स्कूल में दसवीं कक्षा के छात्र पर उसके सहपाठी ने चाकू से हमला कर दिया। गुस्साई भीड़ ने करीब आधा दर्जन कारों को आग के हवाले कर दिया जबकि शहर के कुछ हिस्सों से पथराव की घटनाएं सामने आईं।
रिपोर्ट के अनुसार, छात्र अलग-अलग समुदायों से थे, जिससे शहर में तनाव पैदा हो गया।
आगजनी की घटनाओं के बाद, बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया, जिसे शहर के कुछ हिस्सों में उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। भारतीय नागरिक सुरक्षा की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा भी लगाई गई।
जिला शिक्षा अधिकारी लोकेश भारती ने पुष्टि की कि भटियानी चौहट्टा क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में 15 साल की उम्र के दो सहपाठियों के बीच लंच के बाद झगड़ा हो गया, जिसके बाद एक छात्र ने दूसरे की जांघ पर चाकू से वार कर दिया।
(आईएएनएस)