जनजातीय वोट बैंक के लिए पीएम के बाद राजस्थान के सीएम पहुंचे आदिवासी तीर्थ स्थल
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आदिवासियों के तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम का दौरा किया और सरकारी खर्च पर वहां विकास कार्य कराने की घोषणा की। इस मौके पर गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महžव का स्मारक घोषित करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार से बार-बार मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का आग्रह किया गया, लेकिन हाल ही में प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के दौरान भी इसकी घोषणा नहीं की। ऐसे में अगर केंद्र सरकार मना करती है, तो राज्य सरकार राजकीय कोष से मानगढ़ में विकास कार्य करवाएगी।
उन्होंने कहा, इसके साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति विकास कोष की राशि 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये करने का भी प्रावधान किया गया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मानगढ़ धाम पर राजनीति का तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं पर राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा।
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम आदिवासियों का प्रमुख तीर्थ स्थल है।
अब मुख्यमंत्री गहलोत ने इस धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की है। यहां की राजनीति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की करीब 100 विधानसभा सीटों पर इस इलाके का प्रभाव है।
पिछले विधानसभा चुनाव में इस इलाके में कांग्रेस को ज्यादा फायदा नहीं हुआ था, इसलिए इस बार यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान चल रही है।
मानगढ़ धाम से गुजरात की 27, राजस्थान की 25 और मध्य प्रदेश की 48 सीटों पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि ये सभी सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।