गौशालाओं में संधारित गौवंश के ग्रीष्म ऋतु एवं लू-प्रकोप से बचाव के लिए एडवाईजरी जारी

Update: 2024-05-01 14:06 GMT
गौशालाओं में संधारित गौवंश के ग्रीष्म ऋतु एवं लू-प्रकोप से बचाव के लिए एडवाईजरी जारी
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अजमेर। ग्रीष्म ऋतु के दौरान गौवंश के बचाव के लिए सरकार द्वारा एडवाईजरी जारी की गई है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक श्री प्रफुल्ल माथुर ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु काल एवं संभावित लू-प्रकोप से गौवंश के बचाव के लिए गौशालाओं में मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था के संबंध में गौशाला प्रबंधन समिति द्वारा कार्यवाही समयबद्ध रूप से की जानी चाहिए। गौवंश को धूप, ताप एवं लू से बचाने के लिए गौशाला संचालक संधारित गौवंश के लिए पर्याप्त छाया की व्यवस्था करेंगे। शेड को गर्म हवाओं के प्रकोप से बचाने के लिए तिरपाल अथवा टाट-बोरे से ढकेंगे। गौवंश के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा, भूसा एवं पशुआहार की व्यवस्था गौशाला प्रबंधन करेंगे। गौशाला में संधारित गौवंश के लिए पार्याप्त मात्रा में स्वच्छ जल की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। बीमार तथा अशक्त गौवंशों के लिए संबंधित पशु चिकित्सा कार्मिकों की देशरेख में उपचार की व्यवस्था हो। गौशालाओं में संधारित गर्भवती एवं असहाय गौवंश की विशेष देखभाल की जाए। आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सकीय उपचार की व्यवस्था भी हो। गौशालाओं में आगजनी से गौवंश के बचाव के समुचित प्रबंध किए जाए। मृत गौवंश के शव का निस्तारण यथाशीघ्र सुरक्षित एवं सम्मानजनक ढंग से किया जाए। गर्मी के कारण शव का पुट्रीफिकेशन (विपटन) न होने पाए और बीमारी का खतरा उत्पन्न न हो।
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