मरीजों को सुविधा RUHS में फाइब्रोसिस, सिलिकोसिस, लंग्स कैंसर और निमोनिया का होगा एडवांस इलाज
जयपुर | अस्थमा, सीओपीडी, निमोनिया, सिलिकोसिस, लंग कैंसर, आईएलडी और फाइब्रोसिस जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को एक ही छत के नीचे रजिस्ट्रेशन से लेकर आउटडोर-इनडोर, जांच और उन्नत तकनीक से इलाज मिल सकेगा। वार्ड, आईसीयू, डायग्नोस्टिक सेंटर और सर्जरी के लिए मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर भी होगा। आरयूएचएस के तहत खोले जाने वाले फेज वाइज इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिजीज और सेंटर फॉर पोस्ट कोविड रिहैबिलिटेशन के लिए सरकार से प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी मिल गई है। इमरजेंसी के पीछे की जगह भी चिह्नित कर ली गई है। जहां 95 करोड़ रुपये की लागत से सिविल कार्य होगा और 30 करोड़ रुपये की लागत से उपकरण खरीदे जायेंगे. वर्तमान स्थिति में इसे अपने उपलब्ध संसाधनों के अनुसार ही शुरू किया जायेगा, जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है.
यहां आने वाले मरीजों को तृतीयक स्तर पर जांच व इलाज की सुविधा मिल सकेगी. बेड पर ही मरीजों का एक्स-रे, ईसीजी और सोनोग्राफी हो सकेगी। आउटडोर, वार्ड और आईसीयू बनाया जाएगा, जिससे किसी भी तरह का संक्रमण नहीं फैलेगा.
वार्ड में ही मिनी पैथोलॉजी लैब, कार्डियक टेबल, अटेंडेंट काउच, बेड साइड लॉकर, इमरजेंसी कार्ट, पल्स ऑक्सीमीटर, फिंगर पल्स ऑक्सीमीटर, व्हील चेयर, पेशेंट ट्रॉली, पोर्टेबल यूएसजी और एक्स-रे मशीन उपलब्ध रहेगी।
प्रताप नगर स्थित आरयूएचएस में संस्थान की स्थापना के बाद सुभाष नगर स्थित श्वसन रोग संस्थान में आने वाले गंभीर मरीजों को वार्ड और आईसीयू में बेड के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
आरयूएचएस में कोविड मरीजों का इलाज किया जाता था, लेकिन मौजूदा स्थिति में कोविड के बाद डायबिटीज, लंग्स फाइब्रोसिस जैसे कई लक्षण देखने को मिल रहे हैं। पुनर्वास केंद्र खुलने से इलाज में आसानी होगी.