हादसों का चौराहा! दुर्घटना को दावत दे रही ये सड़क, 2 महीने में हुए 50 हादसे
दुर्घटना को दावत दे रही सड़क
जयपुर. यदि आप रोजाना सोडाला चौराहे (Accidents on sodala cross road) से होकर गुजरते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. एलिवेटेड रोड के नीचे स्थित सोडाला चौराहा इन दिनों 'हादसों का चौराहा' ज्यादा कहलाता है. इसके पीछे का प्रमुख कारण जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 2 महीने पहले बनाई गई डामर की अत्याधुनिक किस्म की चमचमाती हुई सड़क है. यह सड़क देखने में जितनी खूबसूरत और आरामदायक लगती है, उससे कहीं ज्यादा हादसों का कारण बन रही है. जिस दिन से इस सड़क का निर्माण हुआ है उस दिन से लेकर आज तक एक दिन भी ऐसा नहीं गया कि यहां हादसे (accidents in jaipur) नहीं हुए हों.
इस सड़क पर लगातार होने वाले हादसों के चलते स्थानीय लोग और व्यापारी भी काफी परेशान हैं. वे जयपुर विकास प्राधिकरण (Jaipur Development Authority news) में अधिकारियों से गुहार भी लगा चुके हैं. लेकिन अब तक उनकी समस्या का किसी भी तरह का कोई समाधान नहीं किया गया है.
सोडाला चौराहा पर जब से जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से डामर की नई चमचमाती हुई सड़क बनाई गई है तब से चौराहे पर मानों 'हादसों का ग्रहण ' लग गया हो.
2 महीने में इस नई सड़क पर 50 से भी अधिक सड़क हादसे हो चुके हैं.
उसके बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. इस रोड के बनने से पहले जहां एलिवेटेड रोड पर हादसे घटित हुआ करते थे तो वहीं अब एलिवेटेड रोड के नीचे सोडाला चौराहों पर हादसे बढ़ गए हैं. इस नई सड़क पर बुजुर्ग, महिलाएं, युवा हर उम्र के लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं और गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं. कुछ हादसों में लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है. इसके बाद भी प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.
बातचीत में झलका लोगों का दर्दइस नई सड़क पर होने वाले हादसों को लेकर स्थानीय लोग व व्यापारियों से बातचीत की गई तो उनका दर्द भी साफ तौर पर झलका. स्थानीय व्यापारी विमल शर्मा ने बताया कि इस सड़क पर इस कदर फिसलन है कि यदि कोई वाहन तेज गति में दौड़ता हुआ आए और चालक को ब्रेक लगाने पड़े तो वाहन 10 से 20 मीटर स्लिप होने के बाद आगे जाकर रुकता है. जिसके चलते आगे खड़े वाहन से भिड़ंत होने के कारण चालक घायल हो जाता है. इसी प्रकार से यदि कोई दोपहिया वाहन चालक अचानक ब्रेक लगाता है तो वाहन स्लिप होने के कारण चालक गिरकर घायल हो जाता है. जिसे स्थानीय व्यापारी और स्थानीय लोग जाकर संभालते हैं और इलाज के लिए अस्पताल भिजवाते हैं.
स्थानीय निवासी मनोज खांडल ने बताया कि कि जैसे ही सोडाला चौराहे पर बनी नई सड़क पर कोई वाहन स्लिप होता है या वाहनों के टकराने के चलते दुर्घटना घटित होती है, वैसे ही लोग भागकर मदद के लिए पहुंचते हैं. हाल ही में हुई बारिश के चलते सड़क पर फिसलन और भी ज्यादा बढ़ गई और एक ही दिन में 7 हादसे घटित हुए. वहीं सोडाला चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी नदारद रहते हैं, जिसके चलते कई वाहन चालक रेड लाइट तोड़कर भागते हैं और सामने से आ रहे वाहन को देख अचानक ब्रेक लगाने पर हादसे का शिकार होते हैं. लगातार हो रहे हादसों के चलते सोडाला चौराहे से गुजरने में भी डर लगने लगा है.
अधिकारियों से लगाई गुहारस्थानीय व्यापारी व स्थानीय लोगों के माध्यम से जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से इस समस्या का जल्द से जल्द निदान करने की गुहार भी लगाई है.