भ्रष्ट चेहरों को छिपाने का आदेश दे रही एसीबी

Update: 2023-01-07 11:27 GMT

कोटा न्यूज: भ्रष्टाचारियों के मानवाधिकारों को लेकर चिंतित एसीबी की एक बड़ी हरकत सामने आई है। इसके चलते दो मासूमों को दो महीने तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा। झालावाड़ एसीबी ने सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के सब इंस्पेक्टर (गिरदावर) व एक अफीम किसान को बिना साक्ष्य के गिरफ्तार किया है.

अब जांच में दोनों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला और न ही आरोप साबित हुए. अब दोनों की रिहाई के लिए कोर्ट में 169 CrPC के तहत अर्जी दाखिल की गई है. वहीं, विवेचना में महुवाखेड़ा निवासी नारायणलाल मीणा के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7ए के तहत अभियोग प्रमाणित चालान पेश किया गया.

पड़ताल में खुलासा हुआ कि झालावाड़ एसीबी की इस कार्रवाई की जांच केटा एसीबी के एएसपी विजय स्वर्णकार को सौंपी गई थी। उन्होंने शोध में पाया कि 'फाइल पर अभियोजन साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) 2018 का अपराध साबित नहीं हो पाया है.'

यह कार्रवाई एसीबी झालावाड़ के एएसपी भवानीशंकर मीणा ने छह नवंबर को की थी. इसमें अफीम की खेती के प्रधान नियुक्त नारायणलाल, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के अकलेरा-पछपहाड़ रेंज के गिरदावर उपनिरीक्षक पंकज मिश्रा व एक अन्य व्यक्ति सत्यनारायण को अफीम उत्पादक को पट्टा दिलाने के एवज में 60 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया. किसान।

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