एसी का शॉर्ट सर्किट शहरी क्षेत्रों में लगा रहा आग, जानिए पूरी खबर

Update: 2023-03-16 14:48 GMT

कोटा: गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही आग लगने की घटनाएं भी अधिक होती हैं। शहरी क्षेत्र में अधिकतर घटनाएं एसी में शॉर्ट सर्किट से हो रही हैं। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए समय पर एसी का मेंटेनेंस आवश्यक है। शहरी क्षेत्र में सुविधाओं का विस्तार होने के साथ ही लोग उनका उपयोग भी करने लगे हैं। वर्तमान में अधिकतर आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में गर्मी से राहत के लिए पंखे व कूलर के साथ ही एसी का उपयोग भी होने लगा है। आवासीय फ्लैट या मकान हो, आॅफिस, हॉस्टल, दुकान, शोरूम या बैंक समेत शायद ही कोई जगह हो जहां एसी न लगा हो। हालत यह है कि जितनी बड़ी जगह है उतने ही अधिक एसी लगे नजर आते हैं। हॉस्टलों में हर कमरे में एसी लगने लगे हैं। होटल, निजी व सरकारी अस्पतालों तक में गर्मी से राहत के लिए एसी लगने लगे हैं। एसी जहां गर्मी से राहत तो पहुंचाते हैं लेकिन गर्मी के मौसम में एसी में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी हैं। नगर निगम के फायर अनुभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गर्मी के मौसम में आग जनित अधिकतर घटनाएं एसी में शॉर्ट सर्किट से होती हैं। उसके अलावा गैस सिलेंडर व अन्य कारण आते हैं।

वायरिंग पुरानी व लोड अधिक होने से घटनाएं

कोटा उत्तर से सीएफओ अजहर खान ने बताया कि वर्तमान में अधिकतर जगहों पर एसी लगने लगे है। जिनका गर्मी में उपयोग होता है। सामान्य तौर पर देखने में आया है कि पुरानी वायरिंग या कम लोड पर ही लोग एसी लगवाकर चलाते हैं। ऐसे में पुरानी वायरिंग एसी का लोड नहीं झेल पाती है। जिससे उसमें शॉर्ट सर्किट होने से आग एसी तक पहुंच जाती है। एसी के साथ ही अधिकतर जगहों पर पीयूसी व फर्नीचर का काम होने लगा है। जिससे आग लगने पर वह तेजी से फेलती है। लोग सुविधाओं पर तो लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं लेकिन आग से बचाव के लिए संसाधनों को नहीं लगवाते। जिससे आग लगने और दमकलों के पहुचने तक समय लगने के कारण आग से नुकसान अधिक हो रहा है। खान ने बताया कि आग लगने की अधिकतर घटनाएं अप्रेल से जून के बीच में होती हैं। इस दौरान गर्मी अधिक होने पर ’यादातर लोग एसी का उपयोग करते हैं। वायरिंग पर लोड अधिक होने से आग लगने की घटनाएं अधिक होती हैं।

साल में एक बार मेंटीनेंस आवश्यक

इलेक्ट्रोनिक्स के डीलर प्रभजोत आनंद ने बताया कि शॉर्ट सर्किट एसी में नहीं होता है। एसी के लिए लगाई गई वायरिंग में शॉर्ट सर्किट होता है। सिंगल फेज पर एक एसी चलाया जा सकता है। लेकिन सिंगल फेज पर अधिक एसी चलाने व वायरिंग 4 एमएम से कम की होने पर लोड अधिक होने से शॉर्ट सर्किट होने का खतरा बना रहता है। आनंद ने बताया कि एसी का अधिकतर उपयोग गर्मी के मौसम में होता है। ऐसे में उसका उपयोग करने से पहले साल में एक बार उसकी मेंटेनेंस करवाना आवश्यक है। इसमें 400 से 500 रुपए का खर्चा आता है लेकिन वह हवा भी अच्छी देता है और बिजली का खर्चा भी कम होता है। साथ ही शॉर्ट सर्किट या आग लगने जैसी किसी भी घटना को भी टाला जाता है। लेकिन अधिकतर लोग लापरवाही के चलते समय पर एसी की मेंटेनेंस नहीं करवाते। जिससे इस तरह की घटनाएं होने का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने बताया कि ऐसे में एसी में शॉर्ट सर्किट से बचने के लिए उनकी समय-समय पर मेंटेनेंस होना व वायरिंग का लोड उसी क्षमता का होना चाहिए।

चार साल में 2774 घटनाएं

नगर निगम के फायर अनुभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा में गत चार वर्ष में आग लगने की कुल 2774 घटनाएं हुई हैं। जिनमें से 2545 घटनाएं शहरी क्षेत्र की हैं। जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक कोटा उत्तर निगम क्षेत्र में 1422 घटनाओं में से 1336 शहरी क्षेत्र में हुई। वहीं इसी अवधि में कोटा दक्षिण निगम क्षेत्र में 1352 आग जनित घटनाओं में से 1209 शहरी क्षेत्र में हुई हैं। फायर अधिकारियों के अनुसार शहरी क्षेत्र में अधिकतर आग की घटनाएं शॉर्ट सर्किट के कारण लगी हैं। 

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