राजस्थान में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 16 लाख पक्के घरों का हुआ निर्माण

Update: 2023-06-14 12:59 GMT

जयपुर । आवास को दुनियाभर में मूलभूत मानवीय आवश्यकताओं में से एक माना जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में घरों की कमी को दूर करना और विशेष रूप से गरीबों के लिए आवास की गुणवत्ता में सुधार करना सरकार की गरीबी उन्मूलन रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए पक्के घर बनाने और उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसी उद्देश्य से वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाईजी) की शुरुआत की गई थी।

पिछले नौ वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 3.04 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए जा चुके है। पीएमएवाई (जी) के तहत निर्माण के लिए लक्षित घरों में से 75% एससी, एसटी या अल्पसंख्यक समुदायों के हैं। इसके अलावा 10 में से 7 घर या तो अकेले पा संयुक्त रूप से महिलाओं के नाम पर है, जिसने महिलाओं के पक्के घर की आकांक्षाओं को पूरा किया है और घर के वित्तीय निर्णय लेने में उनकी भागीदारी को मजबूत किया है। राजस्थान में इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक 15 लाख 99 हजार 696 मकानों का निर्माण पूरा हो चुका है | ग्रामीण विकास मंत्रालय का लक्ष्य 17 लाख 19 हजार 952 घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा था वहीं राज्य की ओर से यह लक्ष्य 17 लाख 28 हजार 399 रखा गया था जबकि कुल पंजीकृत 17 लाख 74 हजार 793 हैं | वहीं पंजीकृत में से 17 लाख 57 हजार 104 को जियो टैग किया गया है वहीं जियो टैग किए गए आवासों में से 17 लाख 19 हजार 820 की स्वीकृति जारी हो चुकी है | इन ग्रामीण लाभार्थियों में से 17 लाख 15 हजार 895 को पहली किश्त , 16 लाख 76 हजार 62 को दूसरी किश्त वहीं 15 लाख 93 हजार 84 को तीसरी किश्त जारी हो चुकी है |

पीएमएवाई (जी) के तहत निर्मित घरों में शौचालय, बिजली, पीने का पानी, स्वच्छ ईंधन (एलपीजी) आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का प्रावधान है। जब लोग सक्रिय रूप से अपने घरों के निर्माण में भाग लेते है और इन सुविधाओं को प्राप्त कर लेते हैं तो उनका अपने घरों से एक मजबूत रिश्ता बन जाता है और वे भावनात्मक रूप से उससे जुड़ाव महसूस करते हैं।

पीएमएवाई (जी) ने अपनी स्थापना के बाद से महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई है। इस योजना ने घरों के पूरा होने की गति को बढ़ाने के लिए उचित उपाय अपनाए हैं, जिनमें घरों के निर्माण के लिए समय सीमा का निर्धारण, आईटी उपकरणों का उपयोग करके मॉनिटरिंग, नियमित समीक्षा, और समयबद्ध धनराशि का वितरण शामिल है। यह योजना गुणवत्तायुक्त निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करती है, जिसके तहत ग्रामीण मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया जाता है और क्षेत्रवार आवासों का डिज़ाइन मुहैया कराया जाता है।

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