जयपुर में पानी-बिजली-सड़क के लिए नयी योजना बनेगी
मुख्य जगहों पर जमीन कम पड़ने लगी है
जयपुर: शहर की आबादी हर दिन बढ़ रही है और मुख्य जगहों पर जमीन कम पड़ने लगी है। अभी इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट भी शहर से दूर हो रहा है, ऐसे में जरूरी है कि शहर की जमीन को इस तरह से काम लिया जाए कि अधिक से अधिक लोग यहां रह सकें। इसीलिए अब नगरीय विकास विभाग (यूडीएच) शहर का विकास मुम्बई, तमिलनाडु जैसे राज्यों की तर्ज पर करेगा। इसके लिए बनाई गई समिति ने गुजरात के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम 1976, महाराष्ट्र रीजनल टाउन प्लानिंग 1966, तमिलनाडु टाउन एंड कंट्री प्लानिंग 1971 व मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के तहत राजस्थान का विकास करने का प्रस्ताव रखा है।
इसीलिए अब पहली बार ऐसा होगा कि प्रदेश के विकास के लिए बना राजस्थान क्षेत्रीय एवं शहरी योजना अधिनियम 2018 में संशोधन किया जाएगा। हालांकि अभी प्रारंभिक तौर पर काम कर रिपोर्ट बनाई गई है और एक बैठक भी हो चुकी है। इस प्रारूप में अभी कुछ बदलाव होंगे और फिर ड्राफ्ट बनाया जाएगा, लेकिन कमेटी की बैठक में यह तय हो गया है कि आने वाले विकास का हर काम अगले 30-50 सालों को सोचकर किया जाएगा।