जयपुर: जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-द्वितीय ने पथरी ऑपरेशन के दौरान लापरवाही से मरीज की किडनी में छेद करने को गंभीर सेवादोष मानते हुए सीकर रोड स्थित मणिपाल हॉस्पिटल पर 15.50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं हॉस्पिटल को निर्देश दिया है कि वह मरीज के इलाज में खर्च हुए 3.10 लाख रुपए भी उसे परिवाद दायर करने की तारीख से 9% वार्षिक ब्याज की दर से लौटाए। उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष ग्यारसीलाल मीना व सदस्या हेमलता अग्रवाल ने यह निर्देश कृष्ण अवतार मालाणी के परिवाद पर दिया। इसमें कहा कि 8 फरवरी 2022 को परिवादी के पेट में दर्द होने पर उसे विपक्षी हॉस्पिटल में डॉक्टर दिव्य रतन धवन को दिखाया।
ऑपरेशन के बाद से मरीज का यूरीन बंद हो गया डॉक्टर ने उसे बताया कि उसकी बांयी ओर की किडनी के यूरेटर में 13 एमएम की पथरी है और दूरबीन के जरिए उसका सामान्य तरीके से ऑपरेशन किया जाएगा। उसे आश्वस्त किया कि लेजर प्रणाली से ऑपरेशन कर स्टोन निकाल दिए जाएंगे और काेई परेशानी भी नहीं होगी। जिस पर परिवादी हॉस्पिटल में भर्ती हो गया और 9 फरवरी को उसका ऑपरेशन कर उसे 11 फरवरी 2022 को डिस्चार्ज करने के लिए कहा। जब मेडिकल स्टॉफ ने यूरीन के लिए लगाए कैथेटर को हटाया तो उसके अत्यधिक दर्द हुआ और ब्लड व क्लॉट्स निकले।
ऑपरेशन के बाद से उसका यूरीन बंद हो गया लेकिन विपक्षी ने कोई ध्यान नहीं दिया और स्थिति बिगड़ने पर ट्यूब के जरिए यूरीन निकाला। बाद में उसे 17 फरवरी को दवाई देकर डिस्चार्ज कर दिया। लेकिन 4-5 दिन बाद ही यूरीन की जगह से ब्लडिंग होने लगी और उसे 24 फरवरी को पुन: विपक्षी के यहां भर्ती कराया। लेकिन 3 मार्च तक भर्ती रहने के बाद भी दर्द व ब्लडिंग में कोई सुधार नहीं हुआ। परिवादी ने दूसरी जगह दिखाया तो पता चला कि उसकी बांयी ओर की किडनी के लोअर पाेल में छेद हो गया है।