88 साल की अम्मा, 58 लाख बार लिखा राम का नाम, गंगा में बहा देती हैं कॉपी

Update: 2023-08-24 10:27 GMT
राजस्थान: सबसे खास बात यह है कि मैना देवी कभी स्कूल नहीं गई. बावजूद इसके उन्होंने लाल स्याही से कॉपी में भगवान राम का नाम लिख रही हैं. उनका कहना है कि प्रभू का नाम लिखने से उनके मन को सुकून और शांति मिलती है. परिवार का कहना है कि बचपन से ही मैना देवी को भक्ति भाव में काफी दिलचस्पी थी.
मैना देवी बताती हैं कि करीब 6 साल पहले वह अपनी बेटी के पास मुंबई गई थी. वहां उनके पास राम के नाम की ये कापियां थी. इसमें सिर्फ दो पन्ने भी भरे थे. फिर उनके मन में भक्ति की ऐसी अलख जगी कि अब 88 साल की उम्र में उन्होंने प्रभू का नाम 150 से ज्यादा कॉपियों में लिख दिया है. मैना देवी का भरा पूरा परिवार है. उनकी 4 बेटियां और 1 बेटा है. सभी की शादी हो चुकी है.
मैना देवी की इस अनोखी भक्ति में उनकी बहू भी उनका साथ देती है. राम नाम लिखते जब भी कॉपी भर जाती है तो शायर देवी उन्हें नई कॉपी लाकर दे देती हैं.
मैना देवी का कहना है कि प्रभू का नाम लिखते जब भी कॉपी भर जाती है तो उनकी बहू शायर देवी राम का नाम लिखने के लिए उन्हें नई कॉपी लाकर देती हैं. फिर इन भरी हुई कॉपियों को पूरे सम्मान के साथ वह हरिद्वार में गंगा जी में बहा देती हैं. इतना ही नहीं कुछ कॉपियों को मकान बनाने के दौरान नींव में भी दवा दिया गया था. मैना देवी बताती हैं कि उन्होंने 150 से ज्यादा कॉपियों में राम नाम लिखा है. अब तक वे 200 से ज्यादा रेड बॉल पेन का इस्तेमाल कर चुकी हैं.
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