एक पखवाड़े में 800 सुअरों की मौत, प्रशासन की उड़ी नींद

Update: 2023-01-22 11:38 GMT

किशनगढ़ रेनवाल: क्षेत्र में लगातार हो रही सुअरों की मौत से लोगों में दहशत है। नगर पालिका प्रशासन मृत सुअरों को डंपिंग यार्ड में फेंक रहा हैं जिससे अब संक्रमण का खतरा भी मंडराने लगा है। सुअरों की मौत से कोई संक्रमण न फैल जाए, इसे लेकर पालकों में काफी दहशत है।

रेनवाल में लगातार सूअरों की मौत के आंकड़ों ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। पशुपालकों की मानें तो पिछले एक पखवाड़े में करीब 800 से ज्यादा सुअरों ने अलग-अलग स्थानों पर दम तोड़ दिया। इसकी सूचना नगर पालिका प्रशासन व सफाई निरीक्षक को मिल रही है और नगर पालिका के कर्मचारी जेसीबी से मरे हुए सुअरों के शवों को जमीन के अंदर दफन करा रहे हैं। शनिवार को दादू कॉलोनी, मोहल्ला रेगरान सहित अनेक इलाकों में करीब दो दर्जन से अधिक सुअर मर गए। सूचना मिलने पर नगर पालिका के कर्मियों ने इन सुअरों के शवों को आटो टिपर में उठाकर डंपिंग यार्ड में फेंक दिया जिन्हें बाद में एक साथ दफनाया जाएगा। जिस तरह रिहायशी इलाकों में सुअरों की मौत हो रही है, उससे लोगों में भय व्याप्त है कि कहीं इसकी वजह से कोई संक्रमण न फैल जाए। इस मामले में झोल यह है कि नगर पालिका प्रशासन ओर पशु चिकित्सा विभाग सुअरों की मौत के बारे में कैसे अनभिज्ञ बनी हुई है। शहरी क्षेत्र में जिस तरह से लगातार सुअरों की मौत हो रही है, उसकी जानकारी पशु चिकित्सा विभाग को नहीं है।

अब तक हुई मौतें

जानकारी के अनुसार शहर के रोबिन धारीवाल के करीब 150, बाबूलाल जेदिया के 200, देवानंद सांगेलिया के 250, लखन धारीवाल के करीब 100, गुलाब जेदिया के 150, मुकेश जेदिया के 200, धनाराम संगेलिया के 100, द्वारका प्रसाद जेदिया के 50, कन्हैयालाल जेदिया के 70 व विनोद सांगेलिया के 150 के करीब सुअरों की मौत होना बताया जा रहा है। सुअर पालकों के सुअर खत्म हो जाने से उन्हें काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। साथ ही कई सुअर पालकों के सामने रोजी रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है। सुअर पालकों ने प्रशासन से सुअरों में फैल रही बीमारी का इलाज करने एवं उचित मुआवजा दिलाने की मांग भी की है।

इनका कहना है

नगर पालिकाध्यक्ष अमित कुमार जैन का कहना है कि सुअरों की मौत के बारे में पालकों द्वारा उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है, यदि किसी बीमारी के कारण सूअरों की मौत हो रही है तो इसके बारे में पशु चिकित्सा विभाग को तुरंत अवगत कराया जाएगा। पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सा प्रभारी डॉ. सूरजमल दरिया का कहना है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है। पिछले दिनों एक दो पालक सुअरों के बीमार होने पर उन्हें दिखाने के लिए लेकर आए थे, जिन्हें बाद में दवाई देकर भेज दिया था। उसके बाद ना तो सुअरों में किसी प्रकार की बीमारी का उन्हें पता है और ना ही सुअरों की मौत को लेकर कोई जानकारी पशुपालकों द्वारा उन्हें दी गई है। 

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