Rajsamand में 500 गणेश प्रतिमाओं का होगा विसर्जन
जुलूस अरविंद स्टेडियम से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए नौ चौकी पाल तक पहुंचेगा
राजसमंद: राजसमंद में 5 दिवसीय गणेश उत्सव का आज आखिरी दिन है. इसके तहत आज शहर में 500 से अधिक गणेश प्रतिमाओं की शोभा यात्रा निकाली गई. जुलूस अरविंद स्टेडियम से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए नौ चौकी पाल तक पहुंचेगा। जहां देर शाम प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। राजसमंद में गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ आज पांच दिवसीय गणेश महोत्सव का समापन हो गया.
गणेश चतुर्थी के दिन से शहर में पांच दिवसीय गणेश महोत्सव के तहत रोजाना धार्मिक आयोजन हुए और आज नगर परिषद की ओर से अरविंद स्टेडियम से नौचोकी पाल तक शोभा यात्रा निकाली गई. जुलूस स्टेडियम से रवाना होकर सदर बाजार राजनगर बस स्टैंड नायकवाड़ी, मालीवाड़ा, किशोर नगर होते हुए पुन: महागणपति मंदिर पहुंचेगा। 50 से अधिक वाहनों में करीब 500 गणेश प्रतिमाओं को विराजित कर जुलूस निकाला गया। आगे-आगे ऊँट-घोड़े सवार थे। उसके बाद विभिन्न प्रकार की झांकी वाहन चल रहे थे। इस दौरान युवाओं ने गणपति बापा मोरिया के जयकारे के साथ ठोल, थाली और मादल और डीजे की धुन पर जमकर नृत्य कर त्योहार का आनंद लिया. वही युवाओं ने अखाड़े में प्रदर्शन कर करतब भी दिखाए। जुलूस के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
गणेश उत्सव के चौथे दिन गणेश मंडलों द्वारा गणेश पंडालों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शहर के प्रमुख प्राचीन गणेश मंदिर में मंगलवार को भी भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। मंगलवार को मंदिर में फूलों की विशेष व्यवस्था की गई थी। गणेश उत्सव के तहत शहर में 100 से अधिक स्थानों पर गणेश प्रतिमाएं स्थापित की गईं। महोत्सव के चौथे दिन शहर में कई स्थानों पर विशेष झांकियां देखने को मिलीं और वही मेवाड़ मंच की ओर से मालीवाड़ा में रामलीला का समापन हुआ.
नगर परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में देर रात तक अरविंद स्टेडियम में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मंगलवार को राजनगर सदर बाजार में शिव गणेश ग्रुप द्वारा स्थापित सदर बाजार के राजा को आदि योगी के रूप में सजाया गया। यहां आए भक्तों को बांटने के लिए 501 किलो खीर का भोग लगाया गया. इसके अलावा शहर में 100 फीट राजा, फव्वारा चौक, भोईवाड़ा, किशोर नगर, कलाल वाटी सहित कई स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं को विशेष रूप से सजाया गया था।