जयपुर: महेश शर्मा कोटा में किशोरपुरा निवासी नसरुद्दीन के लिए मजदूरी से दो जून रोटी कमाना भी मुश्किल था। ऐसे में राज्य सरकार की इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना में 50 हजार का ब्याजमुक्त लोन मिल गया। नसरुद्दीन ने प्लास्टिक सामान का व्यापार शुरू किया। ऐसे ही उदयपुर की अंजुम आरा को सीएम अशोक गहलोत ने एसबीआई का 50 हजार का लोन चेक थमाया तो उनकी जिंदगी पटरी पर आ गई।
ऐसे सैकड़ों मामले हैं। इस एक योजना ने मात्र डेढ़ साल में 2.39 लाख लोगों की जिंदगी बदल दी। लेकिन बैंकिंग सिस्टम ही इस योजना को खत्म कर रहा है। बैंकों ने लोन से हाथ खींच लिए हैं। 3 माह में 80% आवेदन रिजेक्ट या पेंडिंग में डाले जा चुके हैं। बहाने यह हैं कि महीनाभर और लगेगा, नए बैंक मैनेजर देखेंगे, सिविल स्कोर कम है, डिफाल्टर हैं... आदि।