जैसलमेर। जैसलमेर जिले के सबसे बड़े जवाहर अस्पताल में गहलोत सरकार की फ्री 40 प्रकार की जांचे बंद है। साढ़े आठ माह बाद टेंडर जारी नहीं होने से मरीज बाजार से जांचें करवाने को मजबूर है। जवाहर अस्पताल स्थित क्रस्ना लैब पर ताले लगे हैं। राज्य सरकार की लापरवाही से मरीजों को फ्री जांच की सुविधा नहीं मिल रही है। 31 अगस्त 2022 तक टेंडर की अवधि समाप्त होते ही सेवा प्रदाता फर्म ने जिला अस्पताल में निशुल्क 40 विशेष जांचें बंद कर दी थी। जवाहर अस्पताल में सरकार की ओर से निजी लैब काे 2 साल के लिए मरीजाें की जांच के आदेश दिए थे। जिसकी अवधि 20 अप्रैल 2022 काे पूरी हाे गई। अवधि समाप्त हाेते ही लैब ने मरीजाें के सैंपल लेना बंद कर दिया। पिछले आठ माह से जवाहर अस्पताल में जांच व्यवस्था बंद है।
इस लैब में बाॅयोप्सी, आईएचसी, एफएनएसी, बोनमेरो स्मीयर एक्जामिनेशन, डब्ल्यूबीसी साइटोकेमिस्ट्री, बॉडी फ्लूड फॉर मेलिगनेंट सेल्स, एएफपी, एचसीजी, सीए 125, सीए 19,9, सीए 5,3, सीईए, पीएसए फ्री, पीएसए टोटल, एस फेरिटिन, एस आयरन, एस आयरन विंडिंग कैपेसिटी, जी6पीडी, एएनए, माइक्रो एल्बुमीनूरिया, एफटी 3, एफटी 4, टीएसएच, टीपीओ, टॉर्च, एफएसएच, प्रोलेक्टिन, इंसुलिन, डीएचईएएस, विटामिन बी 12, फोलिक एसिड, एचबीए 1 सी, यूरिन सी एंड एस, सीएसएफ सी एंड एस, थ्रोट स्वाब सी एंड एस की निशुल्क जांच हाेती थी। प्रदेश सरकार द्वारा शुरु की गई विशेष प्रकार की निशुल्क जांचों की योजना मरीजों के लिए काफी लाभदायी साबित हुई। मरीजों को जैसलमेर में ही विशेष प्रकार की जांचें करवाने की सुविधा मिल रही थी। वह भी बिल्कुल मुक्त। मरीजों ने भी इस योजना की सराहना की थी। लेकिन अब लैब बंद होने के कारण मरीजों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। साढे 8 माह से बंद लैबों को वापिस शुरु करने को लेकर सरकार भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।