सलूंबर जिले में रबी की 39400 हैक्टेयर बुआई हुई
गेहूं के मुकाबले किसानों ने कम पानी वाली फसलों को तवज्जो दी
उदयपुर: सलूंबर जिले में रबी की फसल की 39400 हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई। इधर, गेहूं के भाव में गिरावट देखी जा रही है। वहीं सरसों और जौ के भाव चढ़ते दिख रहे हैं। मुख्य फसल गेहूं के मुकाबले किसानों ने कम पानी वाली फसलों को तवज्जो दी।
नतीजन, बुवाई के लक्ष्य से गेहूं के ग्राफ में गिरावट आ गई। वहीं सरसों, जौ सहित कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों की बुवाई अपेक्षाकृत अधिक रही। जौ की बुवाई लक्ष्य से 200 फीसदी पार हो गई। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार सामान्य बारिश हुई और बांध, तालाब में अच्छा पानी रहा है। वहीं किसानों को कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों की भी सलाह दी गई थी। लोगों में सरसों और जौ चना के प्रति अधिक रुझान रहा। लंबे समय तक सर्दी रहने से गेहूं का उत्पादन भी अच्छा रहने की उम्मीद है।
चारों ओर सरसों ही सरसों की फसल: तिलहनी फसलों की ओर देखें तो किसानों का सरसों के प्रति लगाव अधिक रहा। यह फसल भी कम पानी वाली फसल मानी जाती है। किसानों ने खरीफ की फसलों से निपटने के तुरंत बाद खेत में नमी रहते सरसों की बुवाई कर दी। विभाग की ओर से 810 हजार हैक्टर में सरसों की बुवाई की गई थी। 10 फीसदी फसल काटकर घरों तक पहुंच गई है। रोग या कीट पतंग का खतरा भी नहीं रहा। इस कारण सरसों की अच्छी पैदावार देखने को मिल रही है। चने के प्रति भी किसानों में खासा रुझान देखा जा रहा है। विभाग ने 5438 हैक्टेयर का लक्ष्य रखा, जिसके मुकाबला 10 प्रतिशत ज्यादा बुआई की गई।