कोटा न्यूज: माध्यमिक शिक्षा विभाग ने चार साल में 2528 हिंदी माध्यम स्कूलाें काेे महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम में तब्दील कर दिया, लेकिन इनमें संसाधन ही नहीं हैं। हालात यह है कि 80% से अधिक स्कूल में शिक्षकाें के पद खाली हैं। काेटा संभाग में ताे सभी 86 स्कूलाें में शिक्षकों के पद खाली हैं। एक दर्जन से अधिक स्कूल ऐसे हैं जाे जर्जर भवनाें में संचालित हैं। महावीर नगर प्रथम के जर्जर स्कूल में एक साल तक स्टूडेंट् पढ़े हैं। अब डिस्पाेज करने की तैयारी है।
शहर के स्कूलाें की दुर्दशा, पीने का पानी तक नहीं
इन स्कूलाें में पढ़ाने वाले शिक्षकाें की ताे पहले से कमी है। साथ ही संसाधन भी नहीं है। महावीर नगर प्रथम स्कूल की हालत ताे इतनी खराब है ये कभी भी गिर सकता है। यहां पूरे सेशन में स्टूडेंट्स ने पढ़ाई की है। बीच में झाड़ झखांड़ उगे ह़ै। खिड़कियां तक नहीं हैं। आरएसी ग्राउंड स्थित स्कूल के पास भवन है ताे कमरे नहीं है। चार से पांच कमराें में स्कूल संचालित हैै। श्रीनाथपुरम स्कूल में पर्याप्त स्टूडेंट्स हैं पर उनके लिए जगह नहीं है। बाेरखेड़ा स्कूल में ताे पूरी बारिश में पानी भरा रहता है। इसी तरह बारां के आमापुरा में केवल बाेर्ड का नाम बदला है। स्टूडेंट्स के लिए पीने का पानी तक नहीं है।