इसरदा प्रोजेक्ट का 25% काम पूरा, मार्च 2024 तक पूरा करने का है लक्ष्य

Update: 2023-04-13 14:21 GMT
दौसा। दौसा जिले के लालसोट में पेयजल संकट को दूर करने के लिए निर्माणाधीन इसरदा पेयजल परियोजना का 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है. मार्च 2024 तक कार्य पूर्ण होने की सम्भावना है। इस पेयजल परियोजना से जिले के 1079 गांव, दौसा, बांदीकुई, महवा, लालसोट एवं सिकराय सहित 6 नगरों के लोग लाभान्वित होंगे। प्रोजेक्ट पर 3 हजार 593 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। साढ़े तीन लाख नल कनेक्शन देंगे। इससे करीब 35 लाख आबादी लाभान्वित होगी। इनमें से 29 लाख लोग दौसा जिले के हैं और 6 लाख लोग सवाई माधोपुर जिले के हैं। अभी इन जिलों में गंभीर पेयजल संकट की स्थिति है। परियोजना में लाभान्वित होने वाले 1079 गांवों में से 302 गांव अकेले लालसोट विधानसभा क्षेत्र के हैं। दोनों जिलों के कई गांव पिछले 50 साल से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। सबसे ज्यादा फायदा लालसोट तहसील को होगा। परियोजना से कुल 1276 गांवों को जोड़ा जाएगा। इनमें से 302 गांव लालसोट विधानसभा क्षेत्र के हैं। परियोजना में सर्वाधिक जल कनेक्शन दौसा में 39 हजार 951 तथा लालसोट में 33 हजार 460 कनेक्शन दिये जायेंगे।
परियोजना के तहत सवाई माधोपुर जिले के सवाई माधोपुर, खंडार एवं बामनवास विधानसभा क्षेत्र के 621 गांवों में से 177 गांव लाभान्वित होंगे. 3 लाख 38 हजार 931 जल कनेक्शन दिए जाएंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार तीनों विधानसभा क्षेत्रों की 6 लाख 46 हजार 464 की आबादी लाभान्वित होगी। सवाई माधोपुर जिले के बाद दौसा जिले में लालसोट विधानसभा क्षेत्र सबसे पहले लाभान्वित होगा। सबसे पहले बागड़ी में बन रहे 240 लाख लीटर क्षमता के स्टोरेज सेंटर तक पानी पहुंचेगा. हर दो घंटे में पंप हाउस से पानी उठाया जाएगा और दौसा की ओर जाने वाले पंप हाउसों तक पहुंचेगा। 471 किलोमीटर राइजिंग पाइप डीआई पाइप 150-700 एमएम, 1827 किलोमीटर एचडीपीई पाइप 75-225 एमएम, 7 स्वच्छ जलाशय, लालसोट, बगड़ी, डीडवाना, टोडाठेकलां, रेनो, लाडपुरा में 7 पंप हाउस, पातालवास, उच्च जलाशय 47 परियोजना के तहत मुख्य पाइपलाइन 152 किमी एमएम 1300 से 1900 मिमी व्यास की होगी। 30 किमी तक 700 एमएम व्यास की डीआई पाइपलाइन बिछाई जाएगी। 150 से 700 एमएम की 2115 किमी डीआई पाइपलाइन बिछाई जाएगी। 75 से 225 मिमी की पाइप 5121 किमी और ग्रामीण वितरण पाइपलाइन 4850 किमी में बिछाई जाएगी। सिविल वर्क के तहत (कार्यालय भवन, कार्यपालन यंत्री आवास, स्टाफ क्वार्टर) सोलर पावर प्लांट (सभी पंप हाउस में) बनाए जाएंगे।
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