कोटा में इस साल 23 छात्रों ने की खुदकुशी

Update: 2023-08-29 09:27 GMT
 
रांची: हमारे देश में शिक्षा एक बहुत बड़ा व्यवसाय बनता जा रहा है. देश में कई ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जिनके बारे में अक्सर ये आती है कि वह छात्रों के भविष्य से ज्यादा तरजीह पैसों को दे रहे हैं. अगर शिक्षण संस्थानों की बात करें तो कोटा का नाम काफी ऊंचे लिस्ट में आता है. कोटा को लेकर हमारे देश के छात्रों में एक विशेष रुची देखी गई है. हर साल लाखो छात्र सुनहरे भविष्य का सपना लिए कोटा का रुख करते हैं. लेकिन हाल के दिनों में कोटा पढ़ने गए छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटना में काफी तेजी देखने को मिली है. इस साल कोटा में आत्महत्या से 23 छात्रों की मौत हुई है, जो 2015 के बाद से सबसे अधिक है. 23 में से छह मौतें तो अकेले अगस्त में हुईं हैं. जिसके बाद प्रशासन ने रविवार को कोचिंग संस्थानों को दो महीने के लिए परीक्षण निलंबित करने का आदेश दिया.
ऐसी घटनाओं के पीछे है मनोवैज्ञानिक कारण
रविवार को दो छात्रों ने साप्ताहिक परीक्षा देने के बाद आत्महत्या कर ली. जिसके बाद पूरे भारत में इस पर एक बार फिर से चर्चा शुरु हो गई कि बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं के पीछे आखिर वजह क्या है. इसपर मनोचिकित्सक का कहना है कि ज्यादातर संस्थान दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं. ज्यादातर कोचिंग सेंटर छात्रों के साथ उनके नतीजों के आधार पर भेदभाव करते रहते हैं.टॉपर्स को विशेष विशेषाधिकारों से पुरस्कृत किया जाता है जो कमजोर छात्रों के लिए स्थिति और भी बुरी बन जाती है. इस तरह से उनके अंदर खुद को लेकर हीन भावना बढ़ने लगती है. जिसके बाद वो अवसादग्रस्त हो ऐसे कदम उठाते हैं.
मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट, गठन किया पैनल
छात्रों द्वारा लगातार आत्महत्या की खबरों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पैनल का गठन किया है, जो कोटा का दौरा करने के बाद 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. ये निर्देश प्रमुख सचिव (उच्च और तकनीकी शिक्षा) भवानी सिंह देथा, की अध्यक्षता में सोमवार को वर्चुअल रूप से हुई बैठक में जारी किए गए. इस बैठक में आत्महत्याओं को रोकने के तरीकों पर चर्चा की गई.यह बैठक प्री-मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे दो छात्रों की रविवार को आत्महत्या से मौत के बाद आयोजित की गई थी. बैठक में कोटा कलेक्टर ओम प्रकाश बुनकर, कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.
सकरात्मक माहौल बनाए रखने की तैयारी
कोटा कलेक्टर ओम प्रकाश बुनकर ने संस्थानों से बच्चों को सकरात्मक रखने को कहा है. उन्होनें छात्रों के मानसिक स्वास्थय का भी ख्याल रखने पर जोर दिया. उन्होनें कहा कि कोचिंग संस्थान कक्षाएं समाप्त होने के बाद मनोरंजक गतिविधियां आयोजित करेंगे. इसके अलावा संस्थानों को अनिवार्य रूप से प्रेरक वीडियो अपलोड करने के लिए कहा ताकि छात्रों को सकरात्मक और मोटिवेटेड रखा जा सके. समिति ने छात्रों पर दबाव कम करने के लिए पाठ्यक्रम में कमी का सुझाव देने के लिए हर संस्थान से विषय विशेषज्ञों का एक पैनल बनाने का निर्देश दिया है.अधिकारियों ने कहा कि कमजोर छात्रों की पहचान करने के लिए छात्रों से रोजाना गूगल फॉर्म पर सवालों के जवाब देने को कहा जाएगा.
कोटा में है करोड़ों का टर्नओवर
कोटा में टेस्ट-तैयारी का कारोबार सालाना 10,000 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है.देश भर से छात्र दसवीं कक्षा पूरी करने के बाद परीक्षण-तैयारी संस्थानों में शामिल होने के लिए कोटा पहुंचते हैं.2022 में 15 छात्र, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में सात, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की मौत हुई.
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