ग्रामीण क्षेत्रों में 2 घंटे की कटौती शुरू

Update: 2022-12-20 14:13 GMT

जयपुर: कोयला संकट और तकनीकी कारणों से बंद पड़े कई पावर प्लांट के बीच बिजली की डिमांड बढ़ गई है। डिमांड बढ़ने के बाद बिजली कम्पनियों ने एक्सचेंज और पावर परचेज के तहत बिजली खरीद की तैयारी तेज कर दी है। इस दौरान ग्रामीण और कस्बा क्षेत्रों में घोषित और अघोषित कटौती शुरू हो गई है। राजस्थान के कोटा थर्मल में दो दिन, सूरतगढ़ थर्मल में चार दिन, छबड़ा थर्मल में दो दिन, छबड़ा सुपर क्रिटिकल में तीन दिन, कालीसिंध थर्मल पावर प्रोजेक्ट में तीन दिन और सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल में तीन दिन का कोयला ही बचा है। कुछ पावर प्लांट तकनीकी कारणों से शुरू नहीं हो पा रहे हैं। इसी दौरान रबी सीजन में बिजली डिमांड बढ़ने से ऊर्जा विभाग की चिंता बढ़ गई है। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम और विद्युत उत्पादन निगम के आंकड़ों को देखें तो किसानों को तय ब्लॉक में बिजली उपलब्ध कराने के चलते दिसम्बर महीने के दूसरे पखवाड़े में डिमांड बढ़ी है। हालात यह हैं कि कई जगह कटौती के बावजूद 100 लाख यूनिट से अधिक आपूर्ति हो रही है। रोजाना डिमांड को देखें तो रबी सीजन में डिस्कॉम के पास 1600 मेगावाट के अनुमान से भी डिमांड पार पहुंच गई है।

बिजली खरीद कोशिशें तेज, फिलहाल कटौती जारी रहेगी

ऊर्जा विकास निगम एक्सचेंज, पावर परचेज और शॉर्ट टर्म टेंडरिंग से बिजली खरीद की कोशिशें तेज कर रहा है। पीक लोड देखते हुए बिजली खरीद का काम तय किया जा रहा है। रबी सीजन के चलते अन्य राज्यों में भी पीक लोड होने से पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है, इसलिए ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में एक से दो घंटे की घोषित कटौती करनी पड़ रही है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से चार घंटे की अघोषित कटौती भी जारी है। ऊर्जा विभाग कटौती के बची किसानों की ब्लॉक सप्लाई को यथावत रखने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कई गांव में कटौती को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

Tags:    

Similar News

-->