यूक्रेन से उदयपुर पहुंची 2 छात्राएं, बताए युद्ध के डरावने हालात
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी युद्ध को 4 दिन हो गए हैं.
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जारी युद्ध को 4 दिन हो गए हैं. इस संकट के समय में कुछ भारतीय छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं तो कुछ की वतन वापसी हो गई है. इसी क्रम में रविवार दोपहर को 2 छात्राएं भार्गवी वशिष्ट और मोक्षिता उपाध्याय यूक्रेन से दिल्ली और फिर वहां से अपने शहर उदयपुर (Udaipur) डबोक एयरपोर्ट पहुंची. छात्राओं के आने से पहले एयरपोर्ट पर परिजन तो पहुंचे ही थे, साथ ही जिला कलेक्टर सहित अन्य प्रसाशनिक अधिकारी भी एयरपोर्ट पहुंचे. बेटियों को देख परिजनों ने राहत की सास ली तो वहीं कलेक्टर ताराचंद मीणा (Tarachand Meena) ने उनका स्वागत किया.
अचानक माहौल बदल गया
छात्राओं ने बताया कि उनकी पढ़ाई अच्छी चल रही थी और सबकुछ ठीक था परंतु अचानक माहौल बदल गया. दस-पंद्रह दिनों से वॉर की संभावनाओं को लोग आसानी से ले रहे थे और अचानक बमबारी हुई तो सभी डर गए. वॉर शुरू होने की सूचना पर तत्काल पैकिंग शुरू की वहीं एक महीने का राशन भी ले आए. इधर, शुक्रवार को कंसल्टेंट और एंबेसी से सूचना मिली तो तत्काल निकल गए. लगभग 250-250 बच्चों के 2 स्लॉट को रोमानिया होते हुए यहां लाया गया है. बहुत भीड़ होने के कारण यूक्रेन रोमानिया बॉर्डर से लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. वहां एयरपोर्ट पहुंच कर एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे तो राहत मिली. पहले उन्हें दिल्ली राजस्थान हाउस में रखा गया और आज वहां से उदयपुर पहुंचाया गया.
उदयपुर शहर की रहने वाली हैं दोनों छात्राएं
भार्गवी वशिष्ट शहर के यूनिवर्सिटी रोड पर आदर्शनगर की निवासी हैं. उनकी माता का नाम इंदु वशिष्ट और पिता का नाम चंद्रनारायण वशिष्ट है. भार्गवी एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा हैं. इसी प्रकार मोक्षिता उपाध्याय हिरण मगरी सेक्टर 2 की निवासी हैं. उनकी माता का नाम निधि उपाध्याय और पिता का नाम नलीन उपाध्याय है. मोक्षिता एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं.
सक्रिय है गहलोत सरकार
यूक्रेन में फंसे राजस्थान के विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच बने युद्ध के हालात के दौरान विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद निजी खर्च से वतन वापस आने वाले राजस्थानियों के टिकट की राशि का पुनर्भरण किया जाएगा. इसी प्रकार उन्होंने दिल्ली, मुंबई तथा अन्य एयरपोर्ट्स पर आने वाले राजस्थानियों को घर तक पहुंचाने की सुविधा राजस्थान सरकार द्वारा करने के निर्देश दिए हैं.