नागौर। मेड़ता में मसाला फसल जीरे ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और इसका अधिकतम भाव 41 हजार रुपए प्रतिक्विंटल पर पहुंच गया। मेड़ता मंडी में 41 हजार जीरे की आवक भी बंपर रही। बाजार में 6 हजार क्विंटल जीरा बिक्री के लिए पहुंचा। वहीं अगर अन्य कृषि जिंसों को शामिल कर लिया जाए तो एक दिन में नीलामी के लिए 18 हजार क्विंटल अनाज पहुंच गया, जिससे बाजार में मेले जैसा माहौल दिखने लगा. व्यापारी सुमेरचंद जैन ने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाले जीरे का ढेर अधिकतम 41 हजार रुपये प्रति क्विंटल जबकि सबसे कम गुणवत्ता वाला जीरा 34 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है. मसाला फसल जीरे के भाव में लगातार तेजी आ रही है, जिससे किसान भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। कीमतों में तेजी के कारण जीरे की आवक भी बढ़कर 6 हजार क्विंटल हो गई है। 1. विदेशी और घरेलू मांग - दरअसल, जीरे की मांग विदेशी और घरेलू दोनों स्तरों पर बढ़ी है. इसलिए बाजार में जीरे की डिमांड रहती है। मांग अधिक होने के कारण जीरे के भाव में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। 2. इस बार कम उपज, खराब मौसम- इस साल जीरे की पैदावार कम हुई है. इसका कारण यह था कि मौसम ने किसानों का साथ नहीं दिया। जब जीरे की फसल को तेज सर्दी की जरूरत थी, तब सर्दी नहीं आई और फिर भी बाद में जब फसल बरबाद हुई तो बेमौसम बारिश ने उसे खराब कर दिया, जिससे जीरे की गुणवत्ता खराब हो गई. साथ ही पैदावार भी घटी। बाजार के जानकारों के मुताबिक कुछ दिनों तक जीरे का रंग बना रहेगा. यानी जीरे में कोई बड़ी गिरावट नहीं होगी। क्योंकि बाजार में जीरे की भारी मांग है।