सरकारी योजना के 1.70 लाख मुफ्त नैपकिन तलाशी में मिले

कंटेनर में पकड़े 1.70 लाख निःशुल्क सैनेट्री नेपकिन

Update: 2024-05-23 09:34 GMT

जोधपुर: न्यूज़ डेस्क !!! राज्य सरकार की 'उड़ान' योजना के तहत मुफ्त बांटे जाने वाले सेनेटरी नैपकिन की कालाबाजारी हो रही है. सेंट्रल जीएसटी ने कर चोरी के संदेह में संगरिया रोड पर एक कंटेनर ट्रेलर को रोककर तलाशी ली तो सरकारी योजना के 1.70 लाख मुफ्त नैपकिन मिले, जो पोकरण से अवैध रूप से नोएडा ले जाए जा रहे थे। बासनी थाना पुलिस ने सीजीएसटी की ओर से धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर कंटेनर चालक को गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी मोहम्मद शफीक खान ने बताया कि सरकार की ओर से आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से उड़ान नामक निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन बांटने की योजना है. जीएसटी चोरी के संदेह पर सीजीएसटी इंस्पेक्टर लीलाधर जाट और उनकी टीम ने संगरिया रोड पर हरियाणा नंबर के एक कंटेनर ट्रेलर को रोका। बिना जीएसटी चुकाए माल परिवहन करने का संदेह था। ड्राइवर कैलाश धानका ने कंटेनर खोला तो उसमें उड़ान नामक सरकारी योजना के सैनेटरी नैपकिन प्लास्टिक की थैलियों से भरे हुए थे. ड्राइवर से पूछताछ और बिल्टी की जांच से पता चला कि ये नैपकिन जैसलमेर के पोकरण से नोएडा ले जाए जा रहे थे. चूंकि यह योजना राज्य सरकार की है, इसलिए इन्हें राज्य से बाहर ले जाना कानूनी तौर पर गलत है। सीजीएसटी निरीक्षक लीलाधर की ओर से बासनी थाने में धोखाधड़ी व गबन का मामला दर्ज कराया गया है। झुंझुनूं के खेड़ी थानतारगटसिहोड निवासी चालक कैलाश (38) पुत्र रामचन्द्र धानका को

गिरफ्तार कर लिया गया: उससे पूछताछ में पोकरण निवासी रघुवीर सिंह का नाम सामने आया है, जो उसकी फर्म में है। बालाजी इंडस्ट्रीज के नाम पर पोकरण से नोएडा भेजने के लिए सिर्फ नैपकिन की एक बिल्टी बनाई गई थी। रघुवीर सिंह व अन्य के पकड़े जाने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि नैपकिन कहां से लाए गए थे और कहां सप्लाई किए जाने थे।

कलेक्टर के आदेश पर एफआईआर: चूंकि कंटेनर ट्रेलर में सरकारी योजना के मुफ्त नैपकिन थे, इसलिए पुलिस और फिर महिला एवं बाल संरक्षण आयोग को मौके पर बुलाया गया। आयोग ने कंटेनर में मिले नैपकिन के संबंध में पूरी रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को भेज दी. उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।

नैपकिन चोरी कर बेचने का संदेह: ये नैपकिन आंगनवाड़ी केंद्रों की मदद से निःशुल्क वितरित किए जाते हैं। पुलिस को आशंका है कि पोकरण या आसपास के इलाकों में आंगनबाडी केंद्रों से चोरी करने के बाद नैपकिन को बोरे में भरकर बाहर भेजा जा सकता है.

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