जोधपुर न्यूज: बदलें...कहने को एक शब्द, लेकिन करना बहुत चुनौतीपूर्ण। करोड़ों लोगों द्वारा की जा रही एक चीज को बदलने का बीड़ा जोधपुर की 13 साल की बेटी ने उठाया है।
डेबिट-क्रेडिट कार्ड की एक्सपायरी को लेकर कक्षा 8 की छात्रा झनक शर्मा ने बड़ा और व्यावहारिक सवाल उठाया है। झनक कहती हैं कि प्लास्टिक कार्ड 5-10 साल बाद क्यों एक्सपायर हो जाते हैं? हैरानी की बात है कि इसका जवाब किसी ने नहीं दिया। यह सवाल कार्ड बनाने वाली कंपनियों को भेजा गया था। Change.org में ऑनलाइन पिटीशन फाइल की गई थी, ताकि बदलाव कर पर्यावरण को बचाया जा सके।
कौतुहलवश शुरुआत तो कार्ड कंपनियों को भी जानकारी नहीं हो पाती है
झनक के पिता हितेश शर्मा को संदेश मिला कि कार्ड समाप्त होने वाला है और उन्हें नए के लिए आवेदन करना है। झनक ने डेबिट-क्रेडिट कार्ड की अवधि समाप्त होने का कारण पूछा। पिता के पास इसका उत्तर नहीं था, लेकिन उन्होंने उत्तर खोजने के लिए प्रेरित किया। झनक और छोटे भाई पूर्ववंश (9) ने इसका जवाब तलाशने के लिए अभियान चलाया। पहले सोशल मीडिया से जानकारी जुटानी चाही, लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं दी। उल्टे प्लास्टिक से बने इन डेबिट-क्रेडिट कार्ड से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की जानकारी मिली है। कार्ड बनाने वाली वैश्विक कंपनियों को ई-मेल किया। Change.org पर बदलाव के लिए याचिका दायर की। प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भी लिखा। शिक्षकों, परिवार-परिचितों, अध्ययन पुस्तकों से भी जानकारी एकत्रित करने का प्रयास किया।