हाई कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर 10,000 का जुर्माना

Update: 2023-08-01 06:54 GMT

जयपुर न्यूज़: राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बैंच ने एक मामले में बूंदी के उप वन संरक्षक (डीएफओ) पर कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं करने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। हाईकोर्ट में लगी अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जस्टिस महेन्द्र गोयल ने दिए। ये याचिका हाईकोर्ट के ही आदेशों की 7 साल तक पालना नहीं करने पर लगाई गई थी।

अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने बताया कि अक्टूबर 1993 में एक मौखिक आदेश पर वन विभाग में काम करने वाली श्रमिक प्रभु बाई को सेवा से हटा दिया था। वन विभाग के इस निर्णय को श्रमिक ने लेबर कोर्ट में चुनौती दी। यहां श्रमिक के पक्ष में लेबर कोर्ट ने जुलाई 2000 में फैसला सुनाया और वापस सेवा में लेने, सेवा की निरंतरता के साथ पिछला बकाया वेतन देने के आदेश दिए।

वन विभाग के की ओर से इस आदेश को राजस्थान हाईकोर्ट में रिट याचिका लगाकर चुनौती दी। इस रिट याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बैंच ने खारिज करते हुए अक्टूबर 2017 में आदेश देते हुए लेबर कोर्ट के फैसले को यथावत रखा और श्रमिक को बकाया वेतनमान देने के लिए कहा।

वन विभाग ने हाईकोर्ट के इस आदेशों की भी पालना नहीं की। इसके बाद श्रमिक ने पिछले दिनों एक अवमानना याचिका हाईकोर्ट में लगाई। जिस पर सुनवाई के दौरान बताया कि 7 साल के बाद भी वन विभाग कोर्ट के आदेश की पालना नहीं कर रहा है। प्रार्थिया की उम्र 65 वर्ष से अधिक हो गई है। बहस सुनने के के बाद जस्टिस महेन्द्र गोयल ने डीएफओ पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए आदेश की पालना 3 अगस्त तक करने का समय दिया।

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