झुंझुनूं। झुंझुनूं भारी मुनाफे के लालच में गुजरात की एक कंपनी में निवेश करने वालों का रिटर्न अटक गया है. कंपनी के खिलाफ नागौर और सीकर थाने में धोखाधड़ी के मामले दर्ज होने के बाद झुंझुनूं जिले के निवेशक भी सकते में हैं. शुरुआत में यह बात सामने आई है कि झुंझुनू जिले के निवेशकों ने कंपनी में 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। उक्त कंपनी के झुंझुनूं जिले में संचालित कार्यालय भी कई दिनों से बंद हैं और इन कार्यालयों में काम करने वाले लोगों के मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक हर मंगलवार को कंपनी की तरफ से निवेशकों के बैंक खातों/वॉलेट में रिटर्न के तौर पर पैसा आता था. लेकिन बीते मंगलवार को पैसा जमा नहीं होने से कंपनी के फरार होने की अफवाह फैल गई और कंपनी में निवेशकों की बेचैनी बढ़ गई. निवेशक एक-दूसरे को फोन कर जानकारी ले रहे हैं। कंपनी ने जिले के झुंझुनूं, चिड़ावा समेत कई जगहों पर कलेक्शन सेंटर भी बनाए थे जो कई दिनों से बंद हैं। निवेशकों ने कंपनी के इन दफ्तरों में काम करने वाले लोगों से जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन वहां काम करने वाले लोगों के मोबाइल फोन भी बंद मिल रहे हैं. लोगों ने न केवल अपनी बचत को निवेश किया, बल्कि रिश्तेदारों और परिचितों ने भी कंपनी में अपना पैसा लगाया।
कई लोगों ने कहा कि कंपनी के निदेशकों ने लोगों को इस हद तक बहकाया कि लोगों ने कर्ज लेकर और अपने जेवर गिरवी रखकर कंपनी में पैसा जमा करा दिया था. अकेले झुंझुनूं जिले से ही उक्त कंपनी से बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं और निवेश की राशि भी करोड़ों में है. निवेश करने वाले एक रिटायर्ड सिपाही ने बताया कि कंपनी ने सेवानिवृत्त सैनिकों और कार्यरत सैनिकों को आकर्षक योजनाओं का झांसा देकर उनकी पूंजी कंपनी में लगा दी. झुंझुनू के एक व्यक्ति ने बताया कि यह कंपनी सरकारी कर्मचारियों जैसे शिक्षक, पुलिस और यहां तक कि जीप और टेंपो चालकों को भी अपने झांसे में ले चुकी है.