राज कुंद्रा पोर्नोग्राफी केस: एक्ट्रेस से जबरन पोर्न फिल्म शूट करवाने का आरोप

Update: 2022-02-22 07:24 GMT

पोर्नोग्राफी केस में मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने चार लोगों को वर्सोवा और बोरीवली इलाके से अरेस्ट किया है। बता दें कि इसी केस में एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को भी अरेस्ट किया गया था। जेल में दो महीने बिताने के बाद 20 सितंबर 2021 को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी गई। जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा है उसमें कुंद्रा के कास्टिंग डायरेक्टर भी शामिल हैं। कुंद्रा के साथ उनके सहयोगी और मामले में सह आरोपी रायन थोर्प को भी जमानत मिली थी। पुलिस ने आज नरेश रामावतार पाल (29), सलीम सैय्यद (32), अब्दुल सैयद (24) और अमन बरनवाल (22) को कथित पोर्न वेब सीरीज की शूटिंग के आरोप में पकड़ा है। इन पर आरोप है कि ये सिर्फ दो-दो हजार रुपये लेकर इस शूट में शामिल थे। इस केस में क्राइम ब्रांच टीम ने राज कुंद्रा और तीन अन्य लोगों के खिलाफ अश्लील (पोर्न) फिल्म बनाने और कुछ ऐप की मदद से ऑन एयर करने के आरोप लगाए थे और केस दर्ज किया था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कास्टिंग डायरेक्टर नरेश रामावतार पाल एक अश्लील फिल्म की शूटिंग के लिए एक एक्ट्रेस को जबरदस्ती मढ़ के एक बंगले में ले गए थे। जहां सलीम सैयद, अब्दुल सईद और अमन बरनवाल पहले से ही मौजूद थे। आरोप है कि उन्होंने जबरन एक्ट्रेस को शूट के लिए मजबूर किया था।

पुलिस ने बताया कि पाल गोवा और शिमला में छिपा था। गुरुवार को पुलिस को पाल के वर्सोवा पहुंचने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद मामले के अन्य आरोपियों को भी वर्सोवा और बोरीवली से पकड़े गए। क्राइम ब्रांच ने कुल चार मामले दर्ज किए थे, जिसमें व्यवसायी राज कुंद्रा, अभिनेत्री-मॉडल गहना वशिष्ठ सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया था। वहीं फरवरी 2021 में प्रॉपर्टी सेल ने पोर्न फिल्म रैकेट का पर्दाफाश किया था और मालवानी थाने में चार मामले दर्ज किए थे। गिरफ्तारी के बाद राज कुंद्रा ने मेट्रोपोलिटन कोर्ट का रुख किया था और तर्क देते हुए कहा था कि व्यवहारिक रूप से मामले की जांच हो चुकी है। राज की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि पहली बात तो कोई भी कंटेंट उनके खिलाफ किसी भी अपराध को साबित नहीं करता। इस आवेदन में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि राज कुंद्रा को गलत तरीके से मामले में फंसाया गया, जबकि उनका नाम एफआईआर में नहीं थी और पुलिस ने उसका नाम जबरन मामले में खींचा है। 20 सितंबर को उन्हें जमानत मिल गई थी। जमानत याचिका में कहा गया था कि राज कुंद्रा के खिलाफ पूरे पूरक आरोप पत्र में एक भी आरोप नहीं है कि वह किसी भी वीडियो शूटिंग में सक्रिय रूप से शामिल थे। इसमें आगे दावा किया गया था कि राज कुंद्रा को केस में झूठा फंसाया गया था। एफआईआर में उनका नाम नहीं था और उसे पुलिस ने घसीटा। जांच में साफतौर पर पता चलता है कि कथित 'संदिग्ध सामग्री' बनाने में राज कुंद्रा भी अपराध में शामिल नहीं था। इसके अलावा कथित 'संदिग्ध सामग्री' को अपलोड करने या प्रसारित करने की प्रक्रिया से संबंधित नहीं है।

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