नौकरी दिलाने के नाम पर युवक बनाया ठगी का शिकार

Update: 2023-03-12 10:01 GMT
चंडीगढ़: पंजाब में ऑनलाइन ठगी या फिर नौकरी का झांसा मिलने अपने होश खो बैठते हैं। ऐसा ही एक मामला रेलवे में नौकरी दिलाने का सामने आया है। जहां युवकों को झांसे में लेकर उनसे करोड़ों रुपए ठगे गए हैं। जानकारी के अनुसार गत दिन 114 लोग विजिलेंस के पास गए और उन्होंने सारी आपबीती बयां की। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि मामला करीब-करीब 65 करोड़ ठगने का है।
युवाओं को झांसे में लेकर बकायदा उन्हें ट्रेनिंग दी जाती थी। उनकी हाजरी भी लगाई जाती, उनकी रेलवे अधिकारियों से भी मुलाकात करवाई जाती। बता दें कि वाराणसी से 114 युवक टी.सी. ट्रेनिंग ले रहे थे। जब ट्रेनिंग के 3 महीने खत्म हो गए तो युवाओं को अपने-अपने घर भेज दिया और विश्वास दिलाया कि उनके घर पर नियुक्ति पत्र पहुंच जाएगा। जब युवाओं को नियुक्तित पत्र नहीं मिला तो यह मामला सामने आया। जहां उन्हें ट्रेनिंग दी जाती थी वह रेलवे के कार्यालय जैसा दिखाई देता था।
जिस दफ्तर में युवाओं की ट्रेनिंग होती थी, वह भी रेलवे जैसा माहौल था। ट्रेनिंग के दौरान उनकी हाजिरी भी लगती थी। तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें घर भेज दिया गया और कहा गया था कि घर पर नियुक्ति पत्र आएगा। उसमें स्टेशन का भी नाम लिखा होगा। वहां जाकर ज्वाइन करना होगा। जब तीन महीने बाद नियुक्ति पत्र नहीं पहुंचा, तो इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। एक पीड़ित ने बताया कि वाराणसी में एक साथ 114 नौजवानों को टीसी की ट्रेनिंग दी गई थी। वहां पर उनकी सर्विस बुक भी भरी जाती थी। इस दौरान रेलवे अधिकारियों से भी मिलाया जाता था।
फिरोजपुर से दीपक गुंबर निवासी और मेजर सिंह निवासी आसल ने बताया कि रेलवे में नौकरी देने का झांसा देकर क्लर्क दलजीत ने उससे 10 लाख रुपए और अन्य से 12 लाख रुपए ऐंठे थे। वकील खुशवंत सिंह के दोनों बेटों को रेलवे में टी.सी. की नौकरी देने के लिए 24 लाख रुपए लिए थे। नौकरी की आड़ में कई पीड़ितों ने तो अपने घर तक दांव पर लगा दिए। एक पीड़ित के पिता ने ठगी का खुलासा करने के लिए उक्त आरोपी को और पैसे देने का लालच दिया जिसके चलते विजिलेंस ने आरोपी को धर दबोचा।
बता दें कि विजिलेंस ने रंगे हाथों झांसे में आए परिवार से 20 हजार रुपए रिश्वते लेते ठगी मामले में दलजीत सिंह को काबू किया है। उक्त मामले में दिल्ली डी.आर.एम. दफ्तर के क्लर्क रवि मल्होत्रा और क्लर्क जोगिंदर सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि जोगिंदर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था परंतु बाद में किसी राजनीतिक नेता के दबाव में आकर उसे छोड़ दिया गया।
ठगी का शिकार हुए लोगों ने विजिलेंस को अपने दस्तावेज दिए। उन्होंने बताया कि पुलिस को इस मामले में पर्चा करवाया गया है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई। यह भी जानकारी मिली है कि मेन आरोपी पूर्व सरकार के एक विधायक का नजदीकी है जिसके चलते पुलिस ने कार्रवाई में ढील दिखाई। विजिलेंस इस मामले की जांच में जुट गई है।
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