महिला की बहादुरी से पकड़ में आया झपटमार, कोर्ट ने की सख्त कार्रवाई

स्कूटर सवार झपटमार ने एक महिला से पर्स और मोबाइल फोन झपट लिए थे।

Update: 2022-12-17 07:57 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वबेडेस्क | स्कूटर सवार झपटमार ने एक महिला से पर्स और मोबाइल फोन झपट लिए थे। जब वे भागने लगे तो महिला ने उनका स्कूटर पीछे से पकड़ लिया। झपटमार काफी दूर तक उन्हें घसीटता ले गया। कोर्ट ने दोषी को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

पंजाब, लुधियाना: सत्र न्यायाधीश मुनीश सिंगल की अदालत ने घुमार मंडी के हीरा सिंह रोड के रहने वाले सचिन शर्मा को महिला का पर्स झपटने का दोषी करार देते हुए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उसे छह हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। महिला के पर्स में मोबाइल फोन, 2200 रुपये और डेबिट कार्ड था।
सरकारी वकील बीडी गुप्ता ने बताया कि सराभा नगर स्थित सेक्रेड हाट कान्वेंट स्कूल की शिक्षक तान्या कालरा ने चार जुलाई, 2021 को थाना डिवीजन नंबर पांच की पुलिस के पास केस दर्ज करवाया था। शिकायत में बताया था कि वह अपनी मां डा. सुनीता घई के साथ खरीदारी कर घर लौट रही थी। एक करियाना स्टोर के पास दो लोग एक स्कूटर पर आए और उनकी मां का पर्स झपट लिया।
महिला की बहादुरी से पकड़ में आया झपटमार
जब वे भागने लगे तो मां ने उनका स्कूटर पीछे से पकड़ लिया। झपटमार काफी दूर तक उन्हें घसीटता ले गया। बाद में संतुलन बिगड़ने पर वह नीचे गिर गया और उन्होंने उसे पकड़ लिया। इस दौरान उनकी मां को भी काफी चोंटे आई थीं। पुलिस ने उससे पर्स बरामद कर लिया था। अभियोजन पक्ष ने नौ गवाह पेश किए। बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि पुलिस ने कोई स्वतंत्र गवाह शामिल नहीं किया है। अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा की लोग कानूनी बाधाओं और अदालतों में उत्पीड़न के कारण जांच में शामिल होने से मना कर देते हैं।
पिछले साल जुलाई में झपटा था पर्स, अदालत ने नहीं दिखाई नरमी
पर्स में था मोबाइल फोन, 2200 रुपये और डेबिट कार्ड
महिला को दूर तक स्कूटर से घसीटता ले गया था झपटमार
दोषी नरमी का हकदार नहीं - कोर्ट
अदालत ने झपटमारी की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जताई है। अदालत ने कहा "झपटमारी की घटनाएं हर गुजरते दिन के साथ बढ़ रही हैं। कभी-कभी झपटमारी करते समय पीड़ित की जान को भी खतरा हो जाता है। इस मामले में शिकायतकर्ता का पर्स छीनने के बाद आरोपितों के स्कूटर को पकड़ने की कोशिश में उसकी मां को चोटें भी आईं। दोषी नरमी का हकदार नहीं है।

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