ट्रांसपोर्टेशन घोटाले में विजिलेंस जांच जारी, हुए कई नए खुलासे

बड़ी खबर

Update: 2022-10-16 15:28 GMT
नवांशहर। शहीद भगत सिंह नगर में ट्रांसपोर्टेशन घोटाले में कई नए खुलासे हो रहे हैं। विजिलेंस जांच में आया है कि टैंडर लेने के लिए हनी कुमार ने सभा की तरफ से लेबर के काम हेतु राहों कलस्टर व नवांशहर कलस्टर में बेसिक रेट पर टैंडर डाले थे लेकिन जिला अलॉटमेंट कमेटी की ओर से उन टैंडरों को रद्द कर मामले में नामजद आरोपी ठेकेदार अजय पाल को नवांशहर कलस्टर में लेबर कार्यों के लिए 73 फीसदी अधिक व राहों कलस्टर में 72 फीसदी अधिक रेट पर आरोपी ठेकेदार तेलू राम को टैंडर दिए। अब विजिलेंस की नजर उन अधिकारियों पर भी है जिन्होंने ठेके अलॉट किए थे। नवांशहर व राहों के ठेके लेने के लिए फर्जी दस्तावेज दिए गए थे जिनकी स्क्रीनिंग नहीं की गई। टैंडर अलॉटमेंट कमेटी का फर्ज बनता था कि इन दस्तावेजों की जांच की जाती।
इस कमेटी में पनसप, वेयर हाउस, फूड सप्लाई विभाग, पंजाब एग्रो के मैनेजर शामिल थे। कमेटी के चेयरमैन उस समय के डिप्टी कमिश्नर थे। हालांकि हस्ताक्षर डी.सी. के होते हैं लेकिन उनकी जिम्मेदारी इतनी महत्वपूर्ण नहीं है जितनी खरीद एजेंसियों के मैनेजरों की है। सूत्र बताते हैं कि 2022-23 के दौरान ठेकेदार अजय पाल ने उपज की ढुलाई के लिए दी गई वाहनों की सूचियों का रिकॉर्ड जिला ट्रांसपोर्ट अधिकारी से विजिलेंस ने जब चैक करवाया तो इनमें काफी संख्या में फर्जी नंबर के स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, पिकअप, ट्रैक्टर-ट्रॉली व हार्वेस्टर मिले। इन वाहनों पर फसल की ढुलाई नहीं की जा सकती थी।
इतना हीं नहीं ठेका भरते समय ठेकेदार के पास कितने मजदूर हैं, उनका ब्यौरा भी ठेका लेते समय देना होता है जिसमें ठेकेदारों ने टैंडर भरते समय ठेकेदारों की ओर से मुहैया करवाए गए मजदूरों के आधार कार्ड की फोटो कॉपी भी जांची। इसमें कई आधार कार्ड नाबालिग मजदूरों के, कई 60 साल से अधिक आयु के लोगों के निकले जो मजदूरी ही नहीं कर सकते थे। इन ठेकों को देने की जिम्मेदारी अलॉटमेंट कमेटी की थी। इसमें कई खरीद एजेंसियों के मैनेजरों के अलावा जिला खुराक सप्लाई कंट्रोलर व कमेटी के चेयरमैन तथा जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी थे। सूत्र बताते हैं कि भारत भूषण आशू के आदेश पर किसी दस्तावेज को जांचे बिना ही ठेकेदारों को अधिक रेट पर ठेके दे दिए गए।
Tags:    

Similar News

-->