चंडीगढ़, (आईएएनएस)| पंजाब और हरियाणा में पिछले दो दिनों में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बेमौसम बारिश जारी है, जिससे गेहूं की फसल को नुकसान होने का अंदेशा है और किसान चिंतित हैं। राज्य के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं और भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि से खड़ी फसलों को नुकसान होने की खबरों के बीच पंजाब सरकार ने मंगलवार को फसल को हुए नुकसान के आकलन के लिए विशेष गिरदावरी का आदेश दिया था।
अप्रैल के मध्य में गेहूं की फसल काटी जाती है। पड़ोसी राज्य हरियाणा के कुछ हिस्सों से भी फसलों के नुकसान की खबर है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वित्तीय आयुक्त (राजस्व) को उपायुक्तों को विस्तृत निर्देश जारी करने का निर्देश दिया है कि बारिश से प्रभावित इलाकों में तत्काल 'गिरदावरी' की जाए, ताकि फसलों को हुए नुकसान का पता लगाया जा सके।
मान ने कहा कि प्रभावित किसानों को सरकार के नियमों के अनुसार पर्याप्त मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरकार प्रकृति के कहर से उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में हाल ही में हुई बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
बारिश से गेहूं के दानों में नमी की मात्रा अधिक होने की संभावना है, जिससे अनाज की गुणवत्ता खराब होने के कारण किसानों को कम दाम मिल सकता है।
पंजाब के समराला जिले के किसान स्वर्ण सिंह ने आईएएनएस से कहा, "फसल सात से 10 दिनों में कटने के लिए तैयार हो गई थी। इस समय बारिश का मतलब पिछले 4-5 महीनों में कड़ी मेहनत करने के बावजूद किसानों को भारी नुकसान होगा।"
हरियाणा के अंबाला, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और पानीपत जिलों में भी गेहूं की फसल को नुकसान होने की सूचना मिली है।
--आईएएनएस